अब बाघों की तरह मगरमच्छ की भी होगी गणना
डिजिटल डेस्क, नागपुर। अब बाघों की तरह मगरमच्छ व कछुए की गणना होने वाली है। पहली प्रक्रिया पेंच व्याघ्र प्रकल्प अंतर्गत 2 जून से शुरू होगी। इस प्रक्रिया में सामान्य लोग भी आवेदन कर शामिल हो सकते हैं। मध्य भारत का यह पहला मगरमच्छ व कछुआ अधिवास निरीक्षण सर्वेक्षण है।
मध्य भारत का पहला सर्वेक्षण
अभी तक पानी में रहने वाले जीवों के बारे में ऐसी कोई प्रक्रिया नहीं थी। पेंच व्याघ्र प्रकल्प के महाराष्ट्र पेंच नदी में मगरमच्छ व कछुआ की घनत्व व उनके निवास स्थान का अभ्यास करने के लिए विज्ञान का उपयोग करते हुए यह सर्वेक्षण किया जाने वाला है। 2 जून को कोलितमारा पर्यटन परिसर से इसकी शुरुआत होगी। 4 जून तक यह प्रक्रिया चलेगी। यह सर्वेक्षण तीनसा इकोलॉजिकल फाउंडेशन के सहायता से किया जाएगा। इसमें 30 से ज्यादा मगरमच्छ सर्वेक्षण करने वाले तज्ञ संशोधकों के सहभागी होने का अनुमान है। पेंच नदी, लोअर पेंच धरण व तोतलाडोह जलाशय के निचले भागों में यह सर्वेक्षण किया जाएगा। ऐसे में एक साथ पूरे व्याघ्र प्रकल्प की स्कैनिंग करने में मदद मिलेगी। इस सर्वेक्षण का मूल उद्देश्य पेंच व्याघ्र प्रकल्प में मगरमच्छ व कछुए की उपस्थिति का पता लगाना है। इस सर्वेक्षण से इस क्षेत्र में रहने वाले उक्त वन्यजीवों की प्रजातियों के बारे में भी जानकारी मिलेगी।
Created On :   26 April 2023 10:30 AM IST