अंतरराष्ट्रीय: अमेरिकी टैरिफ से अरब देशों के गैर-तेल निर्यात को खतरा संयुक्त राष्ट्र एजेंसी

अमेरिकी टैरिफ से अरब देशों के गैर-तेल निर्यात को खतरा  संयुक्त राष्ट्र एजेंसी
संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक आयोग पश्चिमी एशिया (ईएससीडब्ल्यूए) के अनुसार, अमेरिका में व्यापार संरक्षणवाद में आई तेज बढ़ोतरी अरब देशों की अर्थव्यवस्था पर दबाव बढ़ा रही है, जिससे 22 अरब डॉलर मूल्य के गैर-तेल निर्यात को खतरा पैदा हो गया है।

बेरूत, 20 अप्रैल (आईएएनएस)। संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक आयोग पश्चिमी एशिया (ईएससीडब्ल्यूए) के अनुसार, अमेरिका में व्यापार संरक्षणवाद में आई तेज बढ़ोतरी अरब देशों की अर्थव्यवस्था पर दबाव बढ़ा रही है, जिससे 22 अरब डॉलर मूल्य के गैर-तेल निर्यात को खतरा पैदा हो गया है।

समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, जॉर्डन सबसे कमजोर स्थिति में दिख रहा है, क्योंकि उसके लगभग एक चौथाई सामान अमेरिका को भेजे जाते हैं। बहरीन को भी चिन्हित किया गया है, क्योंकि वह अमेरिका को एल्यूमीनियम और रासायनिक पदार्थों का निर्यात बहुत ज्यादा करता है।

इस बीच, संयुक्त अरब अमीरात को लगभग 10 अरब डॉलर के अमेरिकी सामानों के फिर से निर्यात में रुकावट आ सकती हैं। ईएससीडब्ल्यूए ने यह चेतावनी भी दी है कि खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) की अर्थव्यवस्थाएं वैश्विक तेल कीमतों में तेज गिरावट के कारण बढ़ते वित्तीय तनाव का सामना कर रही हैं।

ईएससीडब्ल्यूए ने आगे कहा, "गैर-जीसीसी देशों के लिए भी वित्तीय चुनौतियां और बढ़ सकती हैं। मिस्र, मोरक्को, जॉर्डन और ट्यूनीशिया को 2025 में वैश्विक बॉन्ड यील्ड में वृद्धि और निवेशकों की अनिश्चितता के कारण संप्रभु ब्याज भुगतान में सामूहिक रूप से 114 मिलियन डॉलर अतिरिक्त भुगतान करना पड़ सकता है। इस कारण राष्ट्रीय बजट पर दबाव बढ़ेगा और विकास पहलों में देरी हो सकती है।"

ईएससीडब्ल्यूए की रिपोर्ट ऐसे समय में आई है जब इस महीने की शुरुआत में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्यापक विरोध के बीच अपने व्यापारिक साझेदारों पर तथाकथित 'पारस्परिक टैरिफ' लगाने के कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किया।

ट्रंप ने पहले कहा था, "जो देश अमेरिका के साथ जुलाई 9 तक कोई समझौता नहीं कर पाते, उनके उत्पादों पर घोषित पारस्परिक टैरिफ लागू कर दिए जाएंगे।"

भारत के लिए, इसका मतलब होगा कि टैक्स फिर से बढ़कर 26 प्रतिशत हो जाएगा, जो पहले 10 प्रतिशत कर दिया गया था। अन्य देशों के लिए भी दरें उसी तरह संशोधित की गई हैं, जिन्होंने अमेरिका के खिलाफ टैरिफ बढ़ाने की बजाय बातचीत का रास्ता चुना है, जैसे कि चीन।

अस्वीकरण: यह न्यूज़ ऑटो फ़ीड्स द्वारा स्वतः प्रकाशित हुई खबर है। इस न्यूज़ में BhaskarHindi.com टीम के द्वारा किसी भी तरह का कोई बदलाव या परिवर्तन (एडिटिंग) नहीं किया गया है| इस न्यूज की एवं न्यूज में उपयोग में ली गई सामग्रियों की सम्पूर्ण जवाबदारी केवल और केवल न्यूज़ एजेंसी की है एवं इस न्यूज में दी गई जानकारी का उपयोग करने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञों (वकील / इंजीनियर / ज्योतिष / वास्तुशास्त्री / डॉक्टर / न्यूज़ एजेंसी / अन्य विषय एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें। अतः संबंधित खबर एवं उपयोग में लिए गए टेक्स्ट मैटर, फोटो, विडियो एवं ऑडिओ को लेकर BhaskarHindi.com न्यूज पोर्टल की कोई भी जिम्मेदारी नहीं है|

Created On :   20 April 2025 9:39 AM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story