फडणवीस सरकार में अपराध की राजधानी  बन गई थी नागपुरः देशमुख 

Nagpur became the capital of crime in Fadnavis government: Deshmukh
फडणवीस सरकार में अपराध की राजधानी  बन गई थी नागपुरः देशमुख 
फडणवीस सरकार में अपराध की राजधानी  बन गई थी नागपुरः देशमुख 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि फडणवीस सरकार के दौराननागपुर की पहचान अपराध की राजधानी के रूप में हो गई थी, लेकिन अब राज्य भर में कानून व्यवस्था की स्थिति अच्छी है। देशमुख ने कहा कि नागपुर में पुलिस ने कुख्यात गुंडा संतोष आंबेकर को गिरफ्तार किया है। आंबेकर और मुन्ना यादव को किसने आश्रय दिया था। यह सभी जानते हैं।देशमुख ने कहा किनागपुर के महापौर संदीप जोशी के खिलाफ हुए हमले के मामले की जांच शुरू है। जोशी पर हमला करने वाले आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी की गई है।जांच के लिए स्थानीय क्राइम ब्रांच की एक टीम तैयार की गई है।

शनिवार को विधान परिषद मेंकानून-व्यवस्था समेत अन्य मुद्दों को लेकर हुए अंतिम सप्ताह प्रस्ताव चर्चा का जवाब देते हुए गृहमंत्री देशमुख ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अगर दिल्ली के शाहीन बाग के आंदोलनकारियों से चर्चा की होती तो पूरे भारत भर में शाहीन बाग नहीं पसरता। इस दौरान देशमुख ने दिल्ली हिंसा पर दिल्ली हाईकोर्ट के तत्कालीन जज मुरलीधर के आदेश का उल्लेख किया। इस दौरान विपक्ष के सदस्यों ने शाह का उल्लेख करने पर आपत्ति जताई। इसके बाद देशमुख ने कहा कि मेरा किसी का अपमान करने का उद्देश्य नहीं था। शाह हम सभी के गृह मंत्री हैं। मैंने केवल जज के आदेश का उल्लेख किया।

आंदोलन में पीएफआई से संबंध नहीं-देसाई
वहीं प्रदेश के गृह राज्य मंत्री शंभूराज देसाई ने कहा कि सीएए और एनआरसी के खिलाफ मुबंई बाग समेत राज्य भर में हुई आंदोलन में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई)का अभी तक सीधे कोई संबंध सामने नहीं आया है। फिर भी सरकार पीएफआई को लेकरगहराई से जांच करेगी।देसाई ने कहा कि मुंबई बाग आंदोलन में बाहर से नहीं बल्कि महानगर के आसपास के इलाकों के रहने वाले लोग शामिल हुए थे। केवल वक्ता बाहर से आए थे। इन आंदोलन में कोई भड़काऊ भाषण हुआ होगा तो संबंधित लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। देसाई ने कहा कि नांदेड़ में हुए भड़काऊ भाषण के मामले की जांच शुरू है। 

603 बांग्लादेशी को वापस भेजा गया- देसाई 
गृह राज्य देसाई ने कहा कि राज्य में बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ2015 से 2019 के बीच 660 मामले दर्ज किए गए हैं। इसमें 3431 आरोपी हैं। जबकि 603 बांग्लादेशी नागरिकों को वापस भेजा गया है। देसाई ने कहा कि मुंबई के साकीनाका में 15 जनवरी 2020 को तीन बांग्लादेशी मिले थे। तीनों को गिरफ्तार किया गया है। पालघर के अरनाला में 12 फरवरी 2020 को 22 बांग्लादेशी पकड़े गए थे। इसमें 10 महिला और 12 पुरुष हैं। इन लोगों के पास ग्राम पंचायत के निवास प्रमाणपत्र मिले थे। पुलिस ने ग्राम पंचायत के संबंधित अधिकारियों को बुलाया तो वे उपस्थित नहीं हुए। इसलिए संबंधित अधिकारियों के खिलाफ नोटिसजारी करनेके निर्देश दिए गए हैं। अगर फर्जी प्रमाण पत्र दिया गया होगा तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। 

Created On :   14 March 2020 7:57 PM IST

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