कर्नाटक हाईकोर्ट ने दोस्त के अपहरण, हत्या के मामले में 4 छात्रों की उम्रकैद की सजा बरकरार रखी

Karnataka HC upholds life sentence of 4 students for friends kidnapping, murder
कर्नाटक हाईकोर्ट ने दोस्त के अपहरण, हत्या के मामले में 4 छात्रों की उम्रकैद की सजा बरकरार रखी
कर्नाटक कर्नाटक हाईकोर्ट ने दोस्त के अपहरण, हत्या के मामले में 4 छात्रों की उम्रकैद की सजा बरकरार रखी

डिजिटल डेस्क, बेंगलुरू। कर्नाटक हाई कोर्ट ने पैसों के लिए अपने दोस्त का अपहरण और हत्या करने के मामले में मुंबई की दो लड़कियों समेत चार स्टूडेंट्स को निचली अदालत द्वारा सुनाई गई आजीवन कारावास की सजा को बरकरार रखा है।

दोषियों- झारखंड के रोहित कुमार, मुंबई की शिवानी ठाकुर और प्रीति राज और बिहार के वारेश ने अलग-अलग अपील दायर की थी। न्यायमूर्ति बी वीरप्पा की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने उनकी दलीलों को खारिज कर दिया, और कहा कि चारों ने न केवल हत्या का अपराध किया बल्कि शरीर को ठिकाने लगाने और सबूत नष्ट करने का भी प्रयास किया था।

उपलब्ध रिकॉर्ड के मुताबिक, दोनों लड़कियों की पीड़ित से दोस्ती थी और वह उसके करीब भी थी। अन्य दो ने पैसे के लिए उसका अपहरण कर लिया था। अभियोजन पक्ष ने सभी आरोपियों के खिलाफ हत्या की साजिश साबित कर दी है। खंडपीठ ने कहा कि सबूतों की पुष्टि करने के बाद ऐसा लगता है कि स्थानीय अदालत द्वारा दिए गए फैसले के मामले में हाई कोर्ट को हस्तक्षेप करने की कोई जरूरत नहीं है।

मृतक तुषार अपने सहपाठी आरोपी वारेश के साथ राजस्थान से बेंगलुरु आया था। वह अमीर परिवार से ताल्लुक रखता था और वारेश ने उसका अपहरण करने के बाद पैसे कमाने की योजना बनाई थी। साजिश के तहत वारिश ने तुषार को अपनी रिश्तेदार प्रीति और शिवानी से मिलवाया था। 14 जनवरी 2011 को तुषार लापता हो गया। सात दिन बाद पुलिस ने उसका शव येलहंका के पास से बरामद किया था। जांच में पता चला कि तुषार को आखिरी बार दोनों लड़कियों के साथ देखा गया था।

तुषार के साथ पढ़ाई करने वाले आयुष्मान लाल ने पुलिस को बताया था कि उसके पास तुषार का मैसेज आया था कि वह लड़कियों के साथ शराब पी रहा है और वह देर से कमरे में लौटेगा लेकिन वापस नहीं आया। आरोपियों ने पीड़िता के पिता को उसके मोबाइल से कॉल किया था और तुषार का अपहरण करने का दावा करते हुए 10 लाख रुपये की मांग की थी। पुलिस ने आरोपी रोहित कुमार को उस समय गिरफ्तार कर लिया था, जब वह पैसे लेने आया था। बाद में सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया। बेंगलुरु की 15वीं फास्ट ट्रैक कोर्ट ने 6 नवंबर, 2014 को आरोपियों को दोषी ठहराया था और आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।

 

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Created On :   4 Jan 2023 6:30 PM IST

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