सिंचाई घोटाला : एसीबी ने हाईकोर्ट से कहा- जांच अन्य एजेंसी को न सौंपें

Irrigation Scam: ACB told High Court - Do not hand over investigation to other agency
सिंचाई घोटाला : एसीबी ने हाईकोर्ट से कहा- जांच अन्य एजेंसी को न सौंपें
सिंचाई घोटाला : एसीबी ने हाईकोर्ट से कहा- जांच अन्य एजेंसी को न सौंपें

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  राज्य के बहुचर्चित सिंचाई घोटाले की जांच कर रहे भ्रष्टाचार प्रतिरोधक विभाग (एसीबी) ने बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ में शपथपत्र प्रस्तुत कर अनुरोध किया है कि, उनकी स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) को  सिंचाई घोटाले की जांच से न हटाया जाए। एसीबी अमरावती के अधीक्षक श्रीकांत धिवरे ने यह शपथपत्र याचिकाकर्ता अतुल जगताप की उस अर्जी के जवाब में दिया है, जिसमें याचिकाकर्ता ने एसआईटी पर अविश्वास जताते हुए घोटाले की जांच सीबीआई, ईडी  या अन्य किसी जांच एजेंसी को सौंपने की प्रार्थना की थी।

एसीबी के नागपुर और अमरावती एसआईटी की जांच तीव्र गति से जारी है और संबंधित पुलिस अधीक्षक स्वयं मामले की जांच पर नजर रखें हुए हैं। जांच के बाद आरोपी ठेकेदार और अधिकारियों के खिलाफ अब तक नागपुर में 27 और अमरावती में 12 आपराधिक मामले भी दर्ज किए गए हैं। ऐसे में घोटाले की जांच अन्य एजेंसी को सौंपने की कोई आवश्यकता नहीं है। उल्लेखनीय है कि, 13 फरवरी को नागपुर खंडपीठ ने सिंचाई घोटाले पर केंद्रित अतुल जगताप की जनहित याचिका में सीबीआई, ईडी, आयकर आयुक्त और सीरियस फ्रॉड इंवेस्टिगेशन ऑफिस को प्रतिवादी बनाने से साफ इंकार कर दिया था। अब एसीबी ने भी मामले की जांच दूसरी एजेंसी को सौंपने का विरोध किया है। 

एसीबी पर है अविश्वास
दरअसल, इस मामले में दोनों याचिकाकर्ता अतुल जगताप और जनमंच सामाजिक संस्था ने एसीबी पर अविश्वास जताया है। एक ओर जहां जगताप ने मामला दूसरी जांच एजेंसी को सौंपने की विनती की थी, वही जनमंच ने हाईकोर्ट में अर्जी दायर कर घोटाले की जांच के लिए स्वतंत्र न्यायिक आयोग गठित करने की प्रार्थना की है। जांच आयोग का मुद्दा कोर्ट के विचाराधीन है।  याचिकाकर्ता के अनुसार प्रकरण की जांच कर रही एसीबी के शपथपत्र विरोधाभास से भरपूर और अविश्वसनीय हैं।

सिंचाई घोटाले में अजित पवार मुख्य आरोपी हैं। प्रदेश में मौजूदा समय में उभरे राजनीतिक समीकरणों में पवार की अहम भूमिका रही है। ऐसे में अब उनके उपमुख्यमंत्री बनने के बाद जांच एजेंसियों पर नियंत्रण से इनकार नहीं किया जा सकता। ऐसे में मामले की जांच एक स्वतंत्र न्यायिक आयोग द्वारा की जानी चाहिए। याचिकाकर्ताओं की ओर से एड.अतुल जगताप और एड. फिरदौस मिर्जा कामकाज देख रहे हैं। मध्यस्थी अर्जदार की ओर से एड.श्रीरंग भंडारकर कामकाज देख रहे हैं।
 

Created On :   4 March 2020 6:24 PM IST

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