बिना वजह हार्न बजाना बड़ी समस्या, प्रदूषण नियंत्रण के लिए हो रहा अध्ययन

Honking without any reason is a big problem, study is being done for pollution control
बिना वजह हार्न बजाना बड़ी समस्या, प्रदूषण नियंत्रण के लिए हो रहा अध्ययन
सीएसआईआर-नीरी के वैज्ञानिक कर रहे संगठनों से चर्चा बिना वजह हार्न बजाना बड़ी समस्या, प्रदूषण नियंत्रण के लिए हो रहा अध्ययन

डिजिटल डेस्क, नागपुर।   हॉर्न बजाने से ध्वनि प्रदूषण के साथ ही वायु प्रदूषण भी होता है। इससे पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा है। हॉर्न से होने वाले ध्वनि प्रदूषण को िनयंत्रित करने के लिए सीएसआईआर-नीरी के वैज्ञानिक अध्ययन कर रहे हैं। इसके लिए शहर में सुरक्षित यातायात के लिए कार्य करने वाली संस्थाओं के साथ चर्चा-बैठक की जा रही है। उनके सुझाव के आधार पर विविध संभावनाओं पर विचार मंथन हो रहा है। वाहनों से निकलने वाले धुएं में कार्बन मोनोऑक्साइड, नाइट्रोजन ऑक्साइड, हाइड्रोकार्बन, लेड ऑक्साइड प्रमुख हैं, जो वायुमंडल को प्रदूषित करते हैं।

स्वास्थ्य पर होता है असर
पेट्रोल एवं डीजल से चलने वाले वाहनों में भारी वाहन, मोटर-कार, टैक्सी, स्कूटर व अन्य दोपहिया वाहन आदि में लगे हॉर्न, लाउडस्पीकर, रेडियो आदि से ध्वनि प्रदूषण होता है। इससे स्वास्थ्य पर भी विपरित प्रभाव पड़ता है। रक्तदाब, मस्तिष्क से संबंधित बीमारियां, नींद न आना, गर्भस्थ शिशुआें की धड़कन पर असर, जन्मजात विकृतियां सहित अन्य समस्याएं पैदा होती हैं। इसके लिए विविध स्तर पर अध्ययन जारी है। फिलहाल तीन प्रमुख बिंदुओं पर लक्ष्य केंद्रित किया जा रहा है। इसमें प्रमुख रूप से ट्रैफिक सिग्नल पर हॉर्न का उपयोग न करने या कम से कम करने पर अध्ययन हो रहा है।

हॉट स्पॉट की होगी पहचान
सीएसआईआर-नीरी के वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक व अपशिष्ट जल प्रौद्योगिकी प्रभाग प्रमुख डॉ. रितेश विजय ने पिछले दिनों ध्वनि प्रदूषण को लेकर हॉर्न व यातायात का शोर पर किए गए अध्ययन काे प्रस्तुत किया। उन्होंने वैज्ञानिक और तकनीकी पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए बताया था कि सीएसआईआर-नीरी और सीएसआईआर-आईआईपी ध्वनि प्रदूषण से संबंधित हॉट स्पॉट की पहचान करने महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के साथ मिलकर ‘नॉइज एटीएम’ प्रणाली विकसित करने काम कर रहे हैं। 

संभावनाओं पर विचार  
ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित के लिए विविध स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। विभिन्न संगठनों के साथ चर्चा और कार्यशालाओं के माध्यम से प्राप्त सुझाव पर विचार-मंथन किया जा रहा है। ध्वनि प्रदूषण के कारण स्वास्थ्य व पर्यावरण को नुकसान होता है। इसलिए सीएसआईआर-नीरी द्वारा ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण की अनेक संभावनाओं पर अध्ययन किया जा रहा है। - डॉ. अतुल वैद्य, निदेशक, सीएसआईआर-नीरी 

Created On :   28 Feb 2023 1:03 PM IST

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