मार्च में खुलनेवाली गोरेवाड़ा इंटरनेशनल सफारी अब खुलेगी सीधे दिवाली में
- कोरोना के कारण अंतिम चरण का काम रूका
- वन्यजीवों को छोड़ने की तैयारी भी रूकी
डिजिटल डेस्क, नागपुर। जल्द ही नगरवासियों को इंटरनेशनल सफारी का लाभ मिलनेवाला था। अप्रैल के शुरूआत में इसे पर्यटकों के लिए खोला जाना था। वन्यजीवों को छोड़ने से लेकर पर्यटकों को घुमानेवाली बस भी तैयार थी। लेकिन ऐन वक्त पर लॉकडाउन घोषित होने से काम ठप पड़ गया। वर्तमान स्थिति में इंडियन सफारी के अंतिम चरण का काम बाकी है। ऐसे में लॉकडाउन अप्रैल माह के अंत में खुलने के बाद भी सफारी के शुरू होने की संभावना कम है। जिससे यह सफारी का लुत्फ अब सीधे दिवाली में ही लिये जाने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।
शहर से 10 किमी दूरी पर गोरेवाड़ा वनपरिक्षेत्र है। यहां हरियाली के बीच वन्यप्राणियों की मौजूदगी है। तेंदुआ, जंगली सुअर, मोर, बंदर आदि वन्यजीव आसानी से देखने मिलते हैं। करीब 1914 हेक्टर में फैला गोरेवाड़ा वन क्षेत्र दूर-दराज से आनेवाले सैलानियों के लिए आकर्षण का केन्द्र है। वर्तमान स्थिति में यहां 15 किमी की जंगल सफारी बनी है। लेकिन काफी कम दायरे की सफारी होने से लोगों का इसके प्रति ज्यादा रूझान नहीं है। हालांकि यहां वन विभाग की काफी जमीन है। जिसे देखते हुए वर्ष 2007 में यहां 539 हेक्टर पर विकास करने की घोषणा वन मंत्रालय ने की थी। इस विकास कार्य में इंडियन सफारी के साथ आफ्रिकन सफारी का निर्माण होनेवाला है। पहले चरण में 145 हेक्टर में इंडियन सफारी बनाई जानी है। जिसमें बाघ, तेंदुआ, भालू व शाकाहारी प्राणियों की सफारी बनेगी। इसके बाद बायोपार्क व बर्ड सफारी का भी निर्माण यहीं पर किया जाना है। इसके लिए कुल 450 करोड़ का बजट भी रखा गया था।
200 करोड़ सरकार व बाकी खर्च निजी कंपनी को पीपीपी तर्ज पर करना था। इस सफारी को वर्ष 2018 में ही शुरू करना अपेक्षित था। लेकिन किसी न किसी कारणवश सफारी लेट-लतीफी का शिकार बनते जा रही है। लेकिन वर्ष 2020 के अप्रैल माह तक इसका पूरा काम होने की तैयारी थी। जिसके बाद इसे पर्यटकों के लिए खोला जानेवाला था। लेकिन ऐन वक्त पर दुनिया पर छायी महामारी के कारण कई देशों को लॉकडाउन किया गया है। जिसमें भारत भी शामिल है। नागपुर में भी पहले 31 मार्च और अब 14 अप्रैल तक लॉकडाउन की घोषणा है। लॉकडाउन आगे बढ़ने की भी आशंका है। ऐेसे में मई में गतिविधियां शुरू भी होती है, तो एक महीने के भीतर इंडियन सफारी शुरू नहीं की जा सकती है। इसके बाद बारिश का मौसम रहने से वैसे ही सफारी बंद रहती है। परिणामस्वरूप इंडियन सफारी अगले दिवाली तक टलने की जानकारी विश्वसनीय सूत्रों ने दी है।
तैयारी लगभग पूरी हुई थी
सूत्रों की माने तो इंडियन सफारी को शुरू करने की तैयारी लगभग पूरी हो गई थी। गोरेवाड़ा ट्रांझिक ट्रीटमेंट सेंटर से पहले 4 तेंदुए, भालू, बाघ और कुछ हिरणों को छोड़ा जानेवाला था। वही यहां घूमने के लिए पर्यटकों के लिए 2 टूरिस्ट बस भी लाई गई है।
Created On :   26 March 2020 2:13 PM IST