एमपी के एक गांव में आज भी सड़क पर ही दाह संस्कार करने को मजबूर दिखे ग्रामीण, गांव वालो ने जनप्रतिनिधियों पर जताई नाराजगी, कांग्रेस नेता ने बताया मौजूदा सिस्टम की खामियां

एमपी के एक गांव में आज भी सड़क पर ही दाह संस्कार करने को मजबूर दिखे ग्रामीण, गांव वालो ने जनप्रतिनिधियों पर जताई नाराजगी, कांग्रेस नेता ने बताया मौजूदा सिस्टम की खामियां
मध्यप्रदेश एमपी के एक गांव में आज भी सड़क पर ही दाह संस्कार करने को मजबूर दिखे ग्रामीण, गांव वालो ने जनप्रतिनिधियों पर जताई नाराजगी, कांग्रेस नेता ने बताया मौजूदा सिस्टम की खामियां

डिजिटल डेस्क, भोपाल।  मध्य प्रदेश के एक गांव में हैरान कर देने वाली घटना सामने आई हैं। जहां लोगों द्वारा शव का सड़क पर ही दाह संस्कार किया गया। देश तथा राज्य की सरकारें हर साल करोड़ों रुपये गांवो के विकास के लिए खर्च करती हैं। सरकारें गांव के विकास के नाम पर वोट तो ले लेती है लेकिन आज भी कई गांव ऐसे है जहां पर मूलभूत समस्याओं से लोग जूझ रहे हैं। भिंड जिले के एक गांव से जो घटना सामने आई हो उससे तो यही लगता है कि गांवों की समस्या आज भी जस की तस बनी हुई हैं। 

दरअसल मध्य प्रदेश यह घटना भिंड जिले के एक गांव से आई हैं। जहां परिजनों को अपने परिवार के सदस्य के मर जाने के बाद उसके शव का दाह संस्कार सड़क पर ही करना पड़ा।क्योंकि यह गांव आज भी मुक्तिधाम के लिए तरस रहा है। यहां के लोग इस कदर बेबस हैं कि अगर कोई मर जाता हैं तो उन्हे उसका सड़क पर ही दाह संस्कार करना पड़ता है।
 
अजनौल गांव की इस घटना के वीडियो और तस्वीर वायरल हो रही है।  तस्वीर में नजर आ रहा हैं कि सड़क के बीच ही शव का दाह संस्कार किया जा रहा हैं। आखिरकार जब इन लोगों से सड़क के बीच शव का दाह संस्कार के बारे पुछा गया तो पत्ता चला अजनौल गांव के एक परिवार के सदस्य की मृत्यु हो गई। जिसके बाद उनका दाह संस्कार सड़क के बीच ही करना पड़ा।

इसकी वजह गांव के लोगों ने बताया कि गांव में मुक्तिधाम का न होना हैं। जी हां राज्य में कई सरकारे आई और चली गई लेकिन इस गांव को आज तक मरघट नसीब नही हुआ हैं। गांव वालों ने शांतिधाम बनवाने को लेकर सरपंच और जनपद में मौजूद आधिकारियों से बातचीत की पर किसी ने गांव वालों की मांग पूरी नही किया। 

गांव के लोगों के मुताबिक, जब आम दिनों में फसल और बारिश का मौसम नही होता है तो किसी की मौत जाती है। तो उसकी चिता खेत में ही जलाई जाती हैं। लेकिन बारिश की वजह से खेतों में  चिता जलाना मुश्किल होता हैं. आपको जानकर हैरानी होगी कि  यह गांव मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कैबिनेट मंत्री ओपीएस भदौरिया के विधानसभा क्षेत्र में ही आता है। अंदाजा लगाया जा सकता है जब मंत्री जी के विधानसभा क्षेत्र क्या यह हाल है तो प्रदेश के अन्य पिछड़े जिलों का क्या हाल होगा?

कांग्रेस नेता ने कसा तंज
कांग्रेस जिला अध्यक्ष मान सिंह कुशवाहा ने कहा कि अजनौल में निर्मित स्थिति सिस्टम पर तमाचा है आज भी लोग इन परिस्थियों में जी रहे हैं।  उन्होंने आगे कहा  जब सरकार और बीजेपी प्रदेश के अंतिमछोर के व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ पहुंचाने का दावा करती हैं।  तो ऐसी तस्वीरे उनकी पोल खोलती हैं जहां मूलभूत सुविधाओं के लिए भी आज भी लोग तरस रहे हैं।

Created On :   25 July 2022 11:16 PM IST

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