छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा सबके राम किसी पार्टी के नहीं

Chhattisgarh Chief Minister Bhupesh Baghel said everyones Ram does not belong to any party
छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा सबके राम किसी पार्टी के नहीं
छत्तीसगढ़ छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा सबके राम किसी पार्टी के नहीं
हाईलाइट
  • जन-जन में श्रीराम का वास

डिजिटल डेस्क, रायपुर। छत्तीसगढ़ के धार्मिक तीर्थ शिवरीनारायण में रामनवमीं पर खास कार्यक्रम हुआ, इस मौके पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बिना भाजपा का नाम लेते हुए कहा कि राम किसी पार्टी के नहीं बल्कि सबके है।

शिवरीनारायण में लोकार्पण कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ के भगवान श्रीराम किसी एक पार्टी के नहीं बल्कि सबके हैं। छत्तीसगढ़ के कण कण और जन-जन में श्रीराम का वास है। बघेल ने रामराज्य की चर्चा करते हुए कहा, जहां गरीब, दलित और शोषितों का हित हो वहीं रामराज्य है।

ज्ञात हो कि छत्तीसगढ़ सरकार भगवान श्रीराम के वनवास काल की स्मृतियों को सहेजने के लिए महत्वाकांक्षी परियोजना राम वन गमन पर्यटन परिपथ शुरू की है। इसके अंतर्गत प्रथम चरण में चयनित नौ पर्यटन तीर्थों का तेजी से कायाकल्प कराया जा रहा है। इन सभी पर्यटन तीर्थों की आकर्षक लैण्ड स्कैपिंग के साथ-साथ पर्यटकों के लिए सुविधाओं का विकास भी किया जा रहा है। 139 करोड़ रूपए की इस परियोजना में उत्तर छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले से लेकर दक्षिण छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले तक भगवान राम के वनवास काल से जुड़े स्थलों का संरक्षण एवं विकास किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने चंदखुरी स्थित माता कौशल्या मंदिर में वर्ष 2019 में भूमिपूजन कर राम वनगमन पर्यटन परिपथ के निर्माण की शुरूआत की थी। इस परिपथ में आने वाले स्थानों को रामायणकालीन थीम के अनुरूप सजाया और संवारा जा रहा है। छत्तीसगढ़ शासन की इस महात्वाकांक्षी योजना से भावी पीढ़ी को अपनी सनातन संस्कृति से परिचित होने के अवसर के साथ ही देश-विदेश के पर्यटकों को उच्च स्तर की सुविधाएं भी प्राप्त होगी। छत्तीसगढ़ की संस्कृति एवं परम्परा में प्रभु श्री राम रचे-बसे है। इसका मुख्य कारण है कि छत्तीसगढ़ वासियों के लिए श्री राम केवल आस्था ही नहीं है बल्कि वे जीवन की एक अवस्था और आदर्श व्यवस्था भी हैं। छत्तीसगढ़ में उनकी पूजा भांजे के रूप में होती है। रायपुर से महज 27 किलोमीटर की दूरी पर स्थित चंदखुरी, आरंग को माता कौशल्या की जन्मभूमि और श्रीराम का ननिहाल माना जाता है।

वनवास काल के दौरान अयोध्या से प्रयागराज, चित्रकूट सतना गमन करते हुए श्रीराम ने दक्षिण कोसल याने छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले के भरतपुर पहुंचकर मवई नदी को पार कर दण्डकारण्य में प्रवेश किया। मवई नदी के तट पर बने प्राकृतिक गुफा मंदिर, सीतामढ़ी-हरचौका में पहुंचकर उन्होंने विश्राम किया। राम वन गमन पर्यटन परिपथ के अंतर्गत प्रथम चरण में सीतामढ़ी-हरचौका (जिला कोरिया), रामगढ़ (जिला सरगुजा), शिवरीनारायण (जिला जांजगीर-चांपा), तुरतुरिया (जिला बलौदाबाजार), चंदखुरी (जिला रायपुर), राजिम (जिला गरियाबंद), सप्तऋषि आश्रम सिहावा (जिला धमतरी), जगदलपुर और रामाराम (जिला सुकमा) को विकसित किया जा रहा है।

 

(आईएएनएस)

Created On :   10 April 2022 10:00 PM IST

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