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दिल्ली की जेलों में बंद 10 में से 9 कैदियों को सुनवाई का इंतजार : इंडिया जस्टिस रिपोर्ट
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डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली की जेलों में बंद दस में से नौ कैदी अपने मुकदमे की सुनवाई पूरा होने का इंतजार कर रहे हैं। राष्ट्रीय राजधानी की जेलों में बंद 91 प्रतिशत कैदियों के मामले लंबित हैं। यह बात इंडिया जस्टिस रिपोर्ट (आईजेआर) कही गई है।
विचाराधीन कैदियों में जेल की आबादी का 77 प्रतिशत हिस्सा है - जो राष्ट्रीय स्तर पर 76 प्रतिशत से अधिक है। 2010 से उनकी संख्या लगभग दोगुनी होकर 2021 में 2.4 लाख से 4.3 लाख हो गई है। अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम और त्रिपुरा को छोड़कर अन्य सभी राज्यों की जेलों में 60 प्रतिशत से अधिक विचाराधीन कैदी हैं।
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो द्वारा प्रकाशित, भारत की जेलों और उनके कैदियों के नवीनतम आधिकारिक आंकड़े प्रिजन स्टैटिस्टिक्स इंडिया (पीएसआई) द्वारा जनवरी 2021 से दिसंबर 2021 तक के डेटा का खुलासा किया गया था।आंकड़ों के विश्लेषण के अनुसार, 2021 में 1.47 करोड़ लोगों को गिरफ्तार किया गया, जो 2020 में 1.39 करोड़ से 7.7 लाख अधिक है।
1319 जेलों में कैदियों की आबादी 488,511 (दिसंबर 2020) से 13 प्रतिशत बढ़कर 554,034 (दिसंबर 2021) हो गई। संख्या में वार्षिक वृद्धि विशेष रूप से चिंताजनक है।वर्ष के दौरान जेलों में प्रवेश करने और छोड़ने वाले लोगों की कुल संख्या भी 2020 में 16.3 लाख से 10.8 प्रतिशत बढ़कर 2021 में कुल 18.1 लाख हो गई।
विश्लेषण से पता चलता है कि कैदियों की अदालतों का दौरा 2020 में 15.5 लाख से बढ़कर 2021 में 20.9 लाख हो गया। कैदियों की स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच, चिकित्सा उपस्थिति के लिए कैदियों द्वारा की गई यात्राओं की संख्या, 2020 में 3.6 लाख से बढ़कर 4.4 लाख हो गई।
इंडिया जस्टिस रिपोर्ट के मुख्य संपादक माजा दारूवाला ने कहा, पुनर्वास की दिशा में ²ढ़ता से आगे बढ़ने की सरकारों की मंशा को देखते हुए बुनियादी ढांचे, मानव संसाधन और उनके प्रशिक्षण के साथ-साथ विकासशील जेल उद्योग में बहुत अधिक निवेश करना होगा और कौशल निर्माण और भीड़भाड़ की समस्या को प्राथमिकता के रूप में हल करना होगा।
राष्ट्रीय स्तर पर जेलों की कुल संख्या 118 से बढ़कर 130 हो गई है। महामारी की दूसरी लहर की शुरुआत के साथ जेलों में भीड़ कम करने के लिए जारी निर्देश पर मार्च-जुलाई, 2021 के बीच 17 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में 93,526 कैदियों को रिहा किया गया था।
दिसंबर 2021 तक छत्तीस राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में की जेलों में कैदियों की भीड़ 185 प्रतिशत से अधिक रही। राजस्थान में सबसे अधिक 100.2 प्रतिशत। केंद्र शासित प्रदेशों में दादरा, नगर हवेली और दमन और दीव, दिल्ली, जम्मू और कश्मीर की जेलों में कैदियों की भीड़ 100 प्रतिशत से अधिक है।
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Created On :   13 Sept 2022 5:30 PM IST