मध्य प्रदेश कैबिनेट: ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2025 से पहले मोहन कैबिनेट ने दी 7 नयी नीतियों को मंजूरी

ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2025 से पहले मोहन कैबिनेट ने दी 7 नयी नीतियों को मंजूरी
  • 273 किमी लंबी नहर के जरिए भूजल स्तर बढ़ाने और 1.23 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को जल आपूर्ति का लक्ष्य।
  • छोटे और मध्यम उद्यमों को 40-52% तक अनुदान, निर्यात इकाइयों को माल ढुलाई में सहायता और रोजगार सृजन के लिए वित्तीय मदद।
  • सरकारी वाहनों का 80% इलेक्ट्रिक में रूपांतरण, हर 20 किमी पर चार्जिंग स्टेशन और EV मॉडल सिटी की घोषणा।
  • 24-25 फरवरी को भोपाल में आयोजन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति और बड़े निवेश की संभावनाएं।

डिजिटल डेस्क, भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में प्रदेश के विकास को गति देने के लिए सात महत्वपूर्ण नीतियों को मंजूरी दी गई। इन नीतियों के माध्यम से जल संरक्षण, औद्योगिक विकास, स्टार्टअप्स को बढ़ावा, इलेक्ट्रिक वाहन (EV) को प्रोत्साहन और विमानन क्षेत्र के विस्तार पर विशेष ध्यान दिया गया है।

ताप्ती मेगा रिचार्ज परियोजना: यह परियोजना जल संकट को कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी। मध्य प्रदेश सरकार और महाराष्ट्र सरकार के बीच हुए समझौते के तहत विश्व की सबसे बड़ी जल पुनर्भरण (वाटर रिचार्ज) परियोजना को मंजूरी दी गई है। इसके तहत 273 किलोमीटर लंबी नहर का निर्माण किया जाएगा, जो 11.76 मिलियन घन मीटर पानी से भूजल को रिचार्ज करेगी। इससे बुरहानपुर और खंडवा जिलों के 1,23,000 हेक्टेयर क्षेत्र में पानी की आपूर्ति होगी। इस परियोजना से राज्य में कृषि, जल स्रोतों और भूजल स्तर में सुधार होने की उम्मीद है। खंडवा जिले के किसानों को इसका विशेष लाभ मिलेगा, जो नियमित रूप से जल संकट का सामना करते हैं।

MSME विकास नीति 2025: नई नीति के तहत छोटे और मध्यम उद्यमों (MSME) को 40% तक का अनुदान दिया जाएगा। महिला और अनुसूचित जाति/जनजाति के उद्यमियों को यह अनुदान 48-52% तक मिलेगा। निर्यात इकाइयों को माल ढुलाई में सहायता और रोजगार सृजन के लिए प्रति कर्मचारी ₹5000 से ₹13,000 तक की सहायता दी जाएगी। नई MSME नीति से प्रदेश में न केवल ईज ऑफ डूइंग बिज़नेस को बढ़ावा मिलेगा बल्कि बड़ी संख्या में रोजगार का सृजन होगा।

स्टार्टअप नीति 2025: इस नीति के तहत राज्य में स्टार्टअप्स की संख्या को 10 हजार तक करने का लक्ष्य रखा गया है। प्रदेश में नए स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए 100 करोड़ रुपये के सीड कैपिटल फंड की घोषणा की गई है। सरकार इनक्यूबेशन सेंटर और स्टार्टअप सलाहकार परिषद स्थापित करेगी। स्टार्टअप्स को लीज रेंट सहायता, ऋण सुविधा और पेटेंट सहायता प्रदान की जाएगी।

इंटीग्रेटेड टाउनशिप नीति 2025: इस नीति का उद्देश्य रियल एस्टेट विकास में निजी निवेश को प्रोत्साहन देना है और अफोर्डेबल हाउस की मांग को पूरा करना है। अब कोई भी व्यक्ति, समूह या किसान टाउनशिप विकसित कर सकेगा। इस नीति के तहत सरकारी मंजूरी की प्रक्रिया 60 दिनों में पूरी की जाएगी। साथ ही, किफायती आवास को बढ़ावा देने के लिए विशेष सब्सिडी दी जाएगी। भूमि पुलिंग के माध्यम से सार्वजनिक निजी भागीदारी को बढ़ावा दिया जाएगा। भू-मालिक भूमि पुलिंग के जरिए टाउनशिप बना सकेंगे। इसके साथ ही, टाउनशिप में 10 फीसदी पार्क और खुले स्थान का प्रावधान होगा।

मध्य प्रदेश इलेक्ट्रिक वाहन (EV) नीति 2025: इस नीति के अंतर्गत राज्य में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स का उपयोग बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा। राज्य सरकार का लक्ष्य सरकारी वाहनों का 80% तक इलेक्ट्रिक में परिवर्तित करना है। भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर और उज्जैन को EV मॉडल सिटी बनाया जाएगा। मध्य प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहन खरीद पर प्रोत्साहन राशि दी जाएगी; इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद पर 40% तक की छूट दी जाएगी। हर 20 किमी पर चार्जिंग स्टेशन और हाईवे पर 100 किमी के भीतर फास्ट चार्जिंग सुविधा स्थापित की जाएगी। नीति में सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन खोलने पर सब्सिडी का प्रावधान है।

मध्य प्रदेश विमानन नीति 2025: प्रदेश में हवाई सेवाओं का विस्तार करने के लिए 150 किमी के भीतर हवाईअड्डा और 45 किमी के भीतर हेलीपैड विकसित किए जाएंगे। धार्मिक और पर्यटन स्थलों को एयर कनेक्टिविटी से जोड़ा जाएगा, जिससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। इसके अंतर्गत हवाई अड्डा सह एरोट्रोपोलिस के विकास की बात की गई है जिससे हवाई सुविधा के साथ साथ रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। सबसे महत्वपूर्ण बात, इस नीति के तहत शैक्षणिक संस्थानों में विमानन पाठ्यक्रम शुरु करने जोर देने का प्रावधान है।

उद्योग नीति 2025: उद्योग नीति के अंतर्गत विभिन्न क्षेत्रों जैसे फूड प्रोसेसिंग और फार्मास्युटिकल आदि को प्रोत्साहित करने का सरकार का प्रयास है। इसके अंर्तगत कई प्रकार के लाभ पदान किये जायेंगे जैसे- फूड प्रोसेसिंग इकाइयों को 1.5 गुना अनुदान और मंडी शुल्क में 100% छूट दी जाएगी। फार्मास्युटिकल उद्योगों को दो वर्षों तक ब्याज अनुदान मिलेगा। रिसर्च और पेटेंट के लिए 50 लाख रुपये तक की सहायता प्रदान की जाएगी। टेक्सटाइल में निवेश करने वालों को मिलेगा विशेष पैकेज मिलेगा।

सरकार की योजना आगामी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2025, जो 24-25 फरवरी को भोपाल में आयोजित होगी, के दौरान इन नीतियों से सबको अवगत कराने की है। निश्चित तौर पर यह एक उपयुक्त मंच प्रदान करेगा, जहाँ न केवल देश विदेश के निवेशक और उद्योगपति जमा होंगे, बल्कि इस समिट में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी भी उपस्थित रहेंगे, जिससे यह आयोजन और भी महत्वपूर्ण हो जाता है। मध्य प्रदेश सरकार को इस समिट से ऐतिहासिक निवेश प्राप्त होने की उम्मीद है।

Created On :   19 Feb 2025 3:30 PM IST

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