फ्रॉड : यूनिटेक ने किया होमबायर्स के करोड़ों रुपए का गबन, ऑडिट रिपोर्ट में खुलासा
![Unitech promoters diverted money of home-buyers and banks to off-shore tax havens Unitech promoters diverted money of home-buyers and banks to off-shore tax havens](https://d35y6w71vgvcg1.cloudfront.net/media/2020/01/unitech-promoters-diverted-money-of-home-buyers-and-banks-to-off-shore-tax-havens_730X365.jpg)
- घर-खरीदारों के पैसे का उपयोग घरों के निर्माण के अलावा अन्य उद्देश्यों के लिए किया गया
- कंपनी और उसके निदेशकों ने बड़े पैमाने पर फंड का डायवर्जन किया था
- यूनिटेक लिमिटेड के फोरेंसिक ऑडिट में बड़े खुलासे हुए है
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर रियल एस्टेट कंपनी यूनिटेक लिमिटेड के फोरेंसिक ऑडिट में बड़े खुलासे हुए है। कंपनी और उसके निदेशकों ने बड़े पैमाने पर फंड का डायवर्जन किया था। जो पैसे घर-खरीदारों और बैंकों ने निवेश किए थे उसका उपयोग घरों के निर्माण के अलावा अन्य उद्देश्यों के लिए किया गया था। कुछ रकम को ऑफ-शोर टैक्स हेवन्स में डायवर्ट कर दिया गया।
घर-खरीदारों ने किए थे 14270 करोड़ जमा
29800 घर-खरीदारों ने लगभग 14,270 करोड़ रुपये जमा किए और यूनिटेक ने 74 हाउसिंग प्रोजेक्ट के निर्माण के लिए छह वित्तीय संस्थानों से 1,805.86 करोड़ रुपये का ऋण लिया। यूनिटेक ग्रुप और उसकी सहायक कंपनियों की अकाउंट बुक्स की जांच करने के बाद, ऑडिटर ने कहा कि घर खरीदारों के 5,063 करोड़ रुपये या 40% रकम का उपयोग हाउसिंग प्रोजेक्ट के लिए नहीं किया गया था। जबकि 2,389 करोड़ रुपये के आउटफ्लोज का अभी भी पता नहीं लगाया जा सका है।
763 करोड़ रुपये का निर्माण के लिए उपयोग नहीं
रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्तीय संस्थाओं से जुटाई गई राशि का लगभग 40% (763 करोड़ रुपये) निर्माण के लिए उपयोग नहीं किया गया था। ऑडिटर ने 51 परियोजनाओं की जांच के बाद रिपोर्ट फाइल की और बाकी 23 परियोजनाओं का अभी तक विश्लेषण नहीं किया गया है क्योंकि कंपनी इन प्रॉजेक्ट्स से जुड़े डेटा उपलब्ध कराने में विफल रही है। जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और एम आर शाह की बेंच, जिसने समूह ने फॉरेंसिक ऑडिट का आदेश दिया था। यह फॉरेंसिक रिपोर्ट इस बेंच को सौंपी गई है।
टैक्स हैवेन देशों में भारी-भरकम रकम का निवेश
ऑडिट रिपोर्ट में कहा गया है कि टैक्स हैवेन देशों में भारी-भरकम रकम का निवेश किया गया, जिसे बाद में राइट-ऑफ कर दिया गया। 2007-2010 के बीच, यूनिटेक की तीन सहायक कंपनियों ने साइप्रस में दस कंपनियों में 1,745.81 करोड़ रुपये का निवेश किया। साल 2016-2018 के बीच 1,406.33 करोड़ या कुल निवेश के 80% हिस्से को राइट-ऑफ कर दिया गया, जबकि बाकी 339 करोड़ रुपये की रकम बही-खातों में इक्विटी इन्वेस्टमेंट्स के रूप में दिख रही है।
इसी तरह, 2007-2008 में, यूनिटेक ग्लोबल लिमिटेड, जर्सी में रजिस्टर्ड कंपनी यूनिटेक ग्लोबल लिमिटेड तथा एक और सहायक कंपनी न्यूवेल लिमिटेड की एक सहायक कंपनी ने कॉर्टेल लिमिटेड से 294.47 करोड़ रुपये का कर्ज लिया, जो खुद यूनिटेक की एक सहायक कंपनी है। कोर्टल ने साइप्रस में साल 2015-2016 के दौरान तीन विदेशी संस्थाओं में 292.99 करोड़ रुपये का निवेश किया। 294.47 करोड़ रुपये (कुल निवेश मूल्य का 100%) कोर्टेल के बही-खातों में राइट ऑफ कर दिया गया था।
Created On :   19 Jan 2020 12:27 AM IST