टीएमसी ने राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार का नाम बदलने का विरोध किया, सांसद सुखेंदु शेखर बोले- यह एक गंदी चाल

TMC opposes renaming of Khel Ratna Award after Major Dhyan Chand
टीएमसी ने राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार का नाम बदलने का विरोध किया, सांसद सुखेंदु शेखर बोले- यह एक गंदी चाल
टीएमसी ने राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार का नाम बदलने का विरोध किया, सांसद सुखेंदु शेखर बोले- यह एक गंदी चाल

डिजिटल डेस्क, कोलकाता। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने शुक्रवार को राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार का नाम बदलकर हॉकी के दिग्गज मेजर ध्यानचंद के नाम पर रखने का विरोध किया है। टीएमसी ने कहा कि यह केंद्र सरकार की एक 'गंदी चाल' है। इससे पहले दिन में, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की थी कि राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार को अब से मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार कहा जाएगा।

तृणमूल कांग्रेस के सांसद सुखेंदु शेखर रे ने कहा, 'यह एक गंदी चाल है। राजीव गांधी शहीद हुए थे। उन्होंने देश के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए।' शेखर रे ने कहा कि खेल रत्न का नाम बदलने के बजाय, पीएम मोदी को मेजर ध्यानचंद के नाम पर मोटेरा के नरेंद्र मोदी स्टेडियम का नाम बदलना चाहिए था। यह ध्यानचंद को बेहतर श्रद्धांजलि होती। बता दें कि खेल रत्न पुरस्कार का नाम बदलने का पीएम मोदी का फैसला टोक्यो में भारतीय पुरुष हॉकी टीम के कांस्य पदक जीतने के एक दिन बाद आया है। महिला टीम चौथे स्थान पर रही।

मेजर ध्यानचंद को अब तक के सबसे महान हॉकी खिलाड़ियों में से एक माना जाता है। विश्व पटल पर दशकों तक भारत का हॉकी पर दबदबा रहा और ओलंपिक में वे अजेय रहे। ध्यानचंद ने 1928, 1932 और 1936 के ओलंपिक में भारत के लिए स्वर्ण पदक जीतने में अहम भूमिका निभाई थी।

बता दें कि खेल रत्न सम्मान को 1991-92 में शुरू किया गया था। तब इसका नाम देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के नाम पर रखा गया था। इस अवार्ड की स्थापना का मुख्य उद्देश्य खेल के क्षेत्र में सराहना और जागरूकता फैलाना है। साथ ही खिलाड़ियों को सम्मानित कर उनकी प्रतिष्ठा बढ़ाना है, ताकि वह समाज में और ज्यादा सम्मान प्राप्त कर सकें।

केन्द्र सरकार के इस फैसले को लेकर मध्य प्रदेश से कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी का कहना है कि मोदी सरकार देश में सिर्फ नाम बदलने की राजनीति पर काम कर रही है। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने देश के लिए अपना बड़ा योगदान दिया था। उनके नाम को बदला जाना एक तरह से नहीं है। अगर सरकार को मेजर ध्यानचंद के लिए या हॉकी के लिए ही कुछ करना था तो खिलाड़ियों के लिए उनके नाम से कोई हितकारी योजना शुरू करती। किसी स्टेडियम का निर्माण करती। 

वहीं, कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी का कहना है कि मेजर ध्यानचंद या फिर सरदार पटेल। इन्होंने मन, वचन और कर्म से राष्ट्रसेवा की, राष्ट्र के गौरव में अतुलनीय वृद्धि भी की! मसला इनके सम्मान का नहीं, समस्या बीजेपी की बदनियति और श्रेय लूटने के निकृष्ट/निर्लज्ज इरादों से है! PM की अगुवाई में पनप रही, यह संकीर्ण सोच घातक है!

Created On :   6 Aug 2021 7:04 PM IST

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