शिवराज मंत्रिमंडल में हो सकता है विस्तार, मप्र के जातिगत समीकरण के जरिए गुजरात चुनाव की तैयारी

There may be expansion in Shivraj cabinet, preparation for Gujarat elections through caste equation of MP
शिवराज मंत्रिमंडल में हो सकता है विस्तार, मप्र के जातिगत समीकरण के जरिए गुजरात चुनाव की तैयारी
मध्य प्रदेश शिवराज मंत्रिमंडल में हो सकता है विस्तार, मप्र के जातिगत समीकरण के जरिए गुजरात चुनाव की तैयारी
हाईलाइट
  • शाह सूत्र पर टिका शिवराज का फैसला

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली, आनंद जोनवार।  साल 2022 के अंत में गुजरात में होने विधानसभा चुनावों को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी मध्यप्रदेश में बड़े बदलाव कर सकती है इसके लिए दिल्ली में वरिष्ठ बीजेपी नेताओं की बैठकों का दौर शुरू हो गया है। संभावना जताई जा रही है कि बीजेपी सियासी बदलाव के साथ साथ संगठन में भी बदलाव कर सकती है।  बैठक में शिवराज सिंह चौहान अपनी सरकार के कामकाज का रिपोर्ट कार्ड भी पेश कर सकते हैं, सीएम, सरकार द्वारा चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं के जमीनी विकास का ब्यौरा बैठक में प्रस्तुत कर सकते है। 

राजनीतिक  जानकारों का मानना है कि बीजेपी गुजरात चुनावों को देखते हुए शिवराज सरकार में नए चेहरों को शामिल कर सकती है। अटकलें लगाई जा रही है कि बीजेपी जातीय समीकरण के साथ साथ क्षेत्रवाद को साधने पर ध्यान केंद्रित कर रही  है। अभी हाल ही में हुए बीजेपी कार्यक्रमों पर फोकस किया जाए तो ये साफ नजर आता है कि बीजेपी आरक्षित वर्गों के मतदाताओं को लुभाने में लगी है। आज दिल्ली में बीजेपी की कोर ग्रुप की बैठक होनी है जिसमें संगठन के साथ साथ मंत्रिमंडल फेरबदल व विस्तार होने पर मुहर लग सकती है।  बैठक में जातिगत लीडरशिप डेवलप करने के लिए शाह फॉर्मूले पर भी फैसला होने की उम्मीद है।

एक सप्ताह पहले शाह के भोपाल दौरे के दौरान साथ में आए केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल  की खबर ने  सियासी स्क्रीन में गद्दी फेरबदल के  संकेत दिए थे, तब समाचारों में संभावनाओं की सुर्खियों बनने लगी की सूबे में एक बार फिर बीजेपी सीएम का चेहरा बदल सकती है। यदि बीजेपी चेहरा नहीं बदलती तो पार्टी के पास करीब डेढ़ साल का समय है कि वह नाराज नेताओं को संतुष्ट कर सकें।

आरक्षित वर्ग में आदिवासी वोट बैंक को साधने के लिए बीजेपी पश्चिमी मध्यप्रदेश के हिस्से से किसी आदिवासी नेता को मंत्रिमंडल में जगह दे सकती है।  बीजेपी  इस एक तीर से दो निशाने साध  सकती है , पहला ये  कि पश्चिमी मप्र का असर गुजरात के चुनाव पर पड़ता है, इस इलाके का काफी वोट बैंक कामकाज के सिलसिले में गुजरात जाता है साथ ही इस इलाके के सामाजिक और सांस्कृतिक रिश्ते गुजरात से हैं जो राजनीतिक रूप में ही काफी महत्व रखते हैं। 

खबरों के मुताबिक अभी हाल ही में कांग्रेस से बीजेपी में  आई विधायक सुलोचना रावत  को शिवराज मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है, इसके पीछे की वजह सुलाोचना का इलाके में वोटों के बीच में काफी पकड़ है, बीजेपी भी यहीं चाहती है कि  किसी कांग्रेस से बीजेपी नेता को मंत्रिमंडल में स्थान दिया जाए ताकि कांग्रेस के वोटरों को अपने पाले में कर सकें।आपको बता दें  सुलोचना ने बीजेपी के टिकट पर जोबट से उपचुनाव  जीता।

अभी महिला बाल विकास और पीएचई विभाग सीएम शिवराज सिंह चौहान के पास है, जो सिंधिया समर्थक विधायकों के पास थे, उनके उपचुनाव हारने के बाद ये पद रिक्त हो गए थे।  कयास ये लगाए जा रहे है कि ये पद किसी सिंधिया समर्थक विधायकों को ही मिल सकते  हैं। गुप्त सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक 2023 के चुनावी समर में सक्सेस होने के लिए मंत्री पद से खाली उत्तरी मध्यप्रदेश श्योपुर और मुरैना को शिवराज मंत्रिमंडल में स्थान मिलने की उम्मीद है, श्योपुर के राजनीतिक रास्ते के सहारे बीजेपी राजस्थान में पकड़ मजबूत कर सकती है।  वहीं सिंधिया समर्थक मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के पास भी एक विभाग अतिरिक्त है। जानकारी के मुताबिक बीजेपी उनसे एक विभाग छीनकर किसी और को दे सकती है। बीजेपी वरिष्ठ नेता गौरीशंकर बिसेन और अजय विश्नोई  पर भी निर्णय ले सकती है। 

आज हो रही बीजेपी की बैठक को सियासी तौर काफी अहम माना जा रहा है क्योंकि  सूबे में कुछ समय से विरोधी सियासी स्वर अलग अलग इलाकों से उठ रहे थे। आपसी खींचतान जो मंच पर भी उजागर हो गई थी उसे अब शांत और संतुष्ट करना का समय आ गया है। ताकि समय रहते हुए उन्हें दबाकर लाभ मिल सके। 
बताया जा रहा है कि इस बैठक में पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा, राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष, गृहमंत्री अमित शाह, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ साथ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और संगठन के महामंत्री हितानंद शर्मा, गृहमंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा भी मौजूद रहेंगे। बीजेपी की इस अहम बैठक में  तीन राज्यसभा सीटों पर होने चुनावों के नामों पर चर्चा होगी। कयास लगाए जा रहे है कि इन सीटों पर उमाभारती और  कैलाश विजवर्गीय को मौका दिया जा सकता है। बैठक में चुनावों को देखते हुए किसी वरिष्ठ आदिवासी नेता को भी लेकर चर्चा है। 


 

Created On :   28 April 2022 10:49 AM IST

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