भाजपा विधानसभा, लोकसभा चुनावों के मद्देनजर ब्राह्मणों, राजपूतों, जाटों को लुभा रही

District Mineral Fund is not being used in Gadchiroli!
गड़चिरोली में जिला खनिज निधि का नहीं हो रहा कोई उपयाेग!
राजस्थान भाजपा विधानसभा, लोकसभा चुनावों के मद्देनजर ब्राह्मणों, राजपूतों, जाटों को लुभा रही

डिजिटल डेस्क, जयपुर। राज्य में चुनाव होने में कुछ महीने बाकी हैं और अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले, राजस्थान में भाजपा ब्राह्मण, राजपूत और जाट समुदायों के तीन नेताओं को प्रमुख पदों पर नियुक्त कर सोशल इंजीनियरिंग पर ध्यान केंद्रित कर रही है।

चित्तौड़गढ़ के सांसद सी.पी. जोशी को राजस्थान भाजपा का अध्यक्ष बनाए जाने के बाद पार्टी ने रविवार को राजेंद्र राठौड़ को विपक्ष का नेता नामित किया, जबकि सतीश पूनिया को विधानसभा में उप-नेता बनाया गया है।जोशी ब्राह्मण हैं, राठौड़ राजपूत नेता हैं, जबकि पूनिया जाट पृष्ठभूमि से हैं।

राजनीतिक जानकारों की मानें तो ये सभी नियुक्तियां सांगठनिक कम और राजस्थान के जातिगत अंकगणित से जुड़ी ज्यादा लगती हैं। भाजपा ने पिछले 10 दिनों में ये तीन नई नियुक्तियां कर राजस्थान में अपनी सोशल इंजीनियरिंग को पटरी पर लाने की कोशिश की है। नियुक्तियां कई राजनीतिक संकेत भी देती हैं।

राजस्थान में ब्राह्मण, वैश्य और क्षत्रिय भाजपा के कोर वोटर हैं। यही वजह है कि भाजपा की सोशल इंजीनियरिंग अब चुनाव से महीनों पहले इस दिशा में दिख रही है।जोशी को राज्य इकाई का प्रमुख बनाकर भाजपा ने ब्राह्मण समुदाय को लुभाने की कोशिश की है, जबकि राठौर को नेता प्रतिपक्ष के रूप में नामित करना राजपूत मतदाताओं पर जीत हासिल करने का एक प्रयास है।

साथ ही ओम बिरला जैसे राज्य के नेताओं को लोकसभा अध्यक्ष और गुलाब चंद कटारिया को असम का राज्यपाल नियुक्त कर भाजपा ने वैश्यों तक अपनी पहुंच बना ली है।भाजपा के वरिष्ठ नेताओं और राजनीतिक विशेषज्ञों ने आईएएनएस से कहा कि ये सभी रणनीतियां विधानसभा चुनाव और अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए हैं।

तमाम बड़े नेताओं के बीच संतुलन कायम करते हुए भाजपा ने उन्हें अलग-अलग अहम पदों पर नियुक्त किया है। अभी जैसी स्थिति है, उन प्रमुख नेताओं में सिर्फ वसुंधरा राजे ही हैं, जिन पर भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व अभी तक कोई फैसला नहीं ले पाया है।

जानकारों का मानना है कि विधानसभा चुनाव और अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव, दोनों में राजे फैक्टर अहम भूमिका निभाएगा। ऐसे में सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि उन्हें क्या भूमिका मिलती है और उन्हें कहां समायोजित किया जाता है, ताकि पार्टी अपने सोशल इंजीनियरिंग प्लान में कामयाब हो सके।

राजस्थान भाजपा के सचिव लक्ष्मीकांत भारद्वाज ने आईएएनएस से कहा, हम 2018 में 0.5 फीसदी के मामूली अंतर से चुनाव हार गए थे। इस बार हमने राजपूतों को लुभाया है, जिन्होंने पिछली बार पद्मावत और आनंदपाल के मुद्दों पर चुनाव का बहिष्कार किया था। साथ ही, ब्राह्मण भी चुप थे। जबकि गुर्जर वोट कांग्रेस को गए। हालांकि, इस बार हम हर वर्ग को ध्यान में रख रहे हैं और इसलिए यह तय है कि हम रिकॉर्ड सीटों के साथ चुनाव जीतेंगे।

 

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ bhaskarhindi.com की टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Created On :   3 April 2023 11:30 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story