Politics: कमलनाथ का आरोप, मप्र में कांग्रेस सरकार गिराने के लिए लॉकडाउन में की देरी, राज्य में स्वास्थ्य और गृहमंत्री तक नहीं

My government was waiting to be demolished, then a lockdown was imposed Madhya Pradesh: Kamal Nath
Politics: कमलनाथ का आरोप, मप्र में कांग्रेस सरकार गिराने के लिए लॉकडाउन में की देरी, राज्य में स्वास्थ्य और गृहमंत्री तक नहीं
Politics: कमलनाथ का आरोप, मप्र में कांग्रेस सरकार गिराने के लिए लॉकडाउन में की देरी, राज्य में स्वास्थ्य और गृहमंत्री तक नहीं

डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्यप्रदेश में कोरोना संकट के चलते लॉकडाउन जारी है और सीएम शिवराज सिंह चौहान ने इसे नए रूप में आगे बढ़ाने की घोषणा की है। इस बीच पूर्व सीएम कमलनाथ ने केंद्र सरकार पर मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार गिराने और भाजपा की सरकार बनाने के लिए देश में लॉकडाउन लगाने में देरी करने का आरोप लगाया है। कमलनाथ ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि कोरोना महामारी के बीच पूरे विश्व में मध्यप्रदेश ही एक ऐसा प्रदेश है, जहां न तो स्वास्थ्य मंत्री है और न ही गृहमंत्री है। कमलनाथ की यह प्रेस कॉन्फ्रेंस कांग्रेस के यूट्यूब चैनल पर हुई।

पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा कि अजीब हाल हैं, 20 मार्च को मेरी सरकार गिराई। 23 मार्च को शिवराज मुख्यमंत्री बने इसके बाद लॉकडाउन कर किया गया। इससे समझिए, मेरी सरकार गिराने का इंतजार हो रहा था। जबकि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने 12 फरवरी को ही कोरोना वायरस को लेकर केंद्र सरकार का ध्यानाकर्षित किया था। उन्होंने तब कहा था कि देश में कोरोना वायरस को लेकर स्थिति गंभीर हो रही है। बावजूद इसके 40 दिन बाद देश में लॉकडाउन किया गया।

प्रदेश में अब तक नहीं बना मंत्रीमंडल
उन्होंने मध्यप्रदेश की राजनीति में केंद्र सरकार की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा कि 8 मार्च को 3 चार्टर प्लेन के ​जरिए कांग्रेस के 19 विधायकों को कर्नाटक ले जाया गया और उन्हें एक रिजॉर्ट में रखा गया। वे अब भी वहीं हैं और राज्य में अब तक मंत्रीमंडल नहीं बन पाया है। ये हालात हैं राज्य में भाजपा सरकार के। पूर्व सीएम ने आरोप लगाया कि देश में कोरोना की स्थिति गंभीर है। टेस्टिंग किट नहीं हैं, इसलिए जांच भी नहीं हो रही।

कोरोना का संकट है और राज्य में स्वास्थ्य मंत्री ही नहीं है, ये कैसी सरकार
पूर्व सीएम कमलनाथ ने आगे कहा कि लोग ई-मेल करके पूछ रहे हैं कि जो मजदूर शहरों से गांव लौटे हैं, उनकी न तो जांच हुई और न ही उन्हें खाना मिल पा रहा है। मैं कहता हूं कि हमारे पास न तो टेस्टिंग किट हैं और न जांच हो पा रही है। गेहूं की फसल तैयार है। ये एक तरह से एक्सप्लोसिव जैसा है। क्योंकि पके हुए खेतों में एक तिनके से आग लग सकती है।

सरकार ने टेस्टिंग को मजाक बना दिया
कमलनाथ ने कहा कि सरकार ने टेस्टिंग को मजाक बना दिया है। कभी कहती है किट मानेसर में बन रही है। कभी कहती है किसी और जगह से आने वाली है। 90 प्रतिशत टेस्टिंग सुविधा चीन से आती है। लेकिन, वहां जिन देशों ने पहले आर्डर दिए होंगे, पहले उनको ही मिलेगी। राज्य में कोरोना संदिग्ध लोगों का टेस्ट ही नहीं हो पा रहा है।

 

Created On :   12 April 2020 7:24 PM IST

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