क्या कमलनाथ होंगे कांग्रेस के अगले राष्ट्रीय अध्यक्ष ? जानें गांधी परिवार के लिए क्यों हैं खास
डिजिटल डेस्क, भोपाल। देश के पांच राज्यों में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ को संगठन द्वारा बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है। कमलनाथ को कांग्रेस का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया जा सकता है। कमलनाथ की पैठ कांग्रेस के सभी तबकों में है। इसके मद्देनजर उनको एक्टिंग प्रेसिडेंट या वर्किंग प्रेसिडेंट भी बनाया जा सकता है। हांलाकि अभी किसी भी तरह का अधिकारिक बयान नहीं आया है। लेकिन, कमलनाथ ने इतना जरुर कहा है कि मैं पार्टी द्वारा दी गई हर जिम्मेदारी को निभाऊंगा इसके साथ ही मध्य प्रदेश में मेरी सक्रियता बरकारार रहेगी। आइये जानते हैं कि आखिर क्यों कांग्रेस हाईकमान कमलनाथ को इतनी बड़ी जिम्मेदारी देने के बारे में क्यों सोच रही हैं।
गांधी परिवार के करीबी
कमलनाथ का गांधी परिवार से रिश्ता इंदिरा गांधी के समय से है। कमलनाथ इंदिरा के बेटे संजय गांधी के सबसे खास दोस्त थे। उनके मित्रता राजीव गांधी से भी थी। इंदिरा उन्हें अपना तीसरा बेटा मानती थी। 13 दिसंबर 1980 को मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में एक मंच से कमलनाथ की ओर इशारा करते हुए कहा था कि ये सिर्फ कांग्रेस नेता नहीं है, राजीव और संजय के बाद मेरे तीसरे बेटे हैं। दरअसल ये इस दौर के बीत है जब कमलनात अपने राजनीतिक जीवन का पहला चुनाव लड़ रहे थे। इंदिरा उनके लिए प्रचार कर रही थीं। कमलनाथ ने वो चुनाव भी जीता और तब से लगातार जीतते आए हैं। कमलनाथ उन्हें मां कहकर पुकारते थे। यह कारण रहा कि कमलनाथ आज सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के सबसे करीबी और विश्वासपात्र हैं। कमलनाथ की संजय से दोस्ती दून कॉलेज में पढ़ाई के दौरान हुई थी। संजय गांधी उन्हें राजनीति में लेकर आए। कमलनाथ गांधी परिवार के इतने करीबी हो चुके थे कि नारे लग रहे थे, "इंदिरा के दो हाथ, संजय गांधी और कमलनाथ"
वर्तमान में कांग्रेस के सबसे सक्रिय और अनुभवी नेता
कमलनाथ अहमद पटेल के बाद कांग्रेस में सबसे सक्रिय और अनुभवी नेता है। मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार को अपने दम पर बनाने का पूरा श्रेय कमलनाथ को ही जाता है। यहां पर कांग्रेस वर्षों से सत्ता को तरस रही थी। सत्ता के सिंहासन पर शिवराज सिंह चौहान विराजमान थे। उनका मुकाबला करने के लिए कोई मैदान में नहीं था। तब कमलनाथ ने छिदंवाड़ा से बाहर निकालकर कांग्रेस के पक्ष में और बीजेपी के खिलाफ माहौल बनाया। नतीजा कांग्रेस की सत्ता में वापसी हुई और कमलनाथ मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। यहीं, नहीं कमलनाथ बतौर प्रदेश अध्यक्ष संगठन के लिए बेहतर तरीके से काम किया। इसका परिणाम विधानसभा चुनाव में देखने को मिल था।
Created On :   16 July 2021 1:59 PM IST