यूपी में बागवानी को बढ़ावा देने के लिए हाई-टेक नर्सरी स्थापित होगी

Hi-tech nursery to be set up to promote horticulture in UP
यूपी में बागवानी को बढ़ावा देने के लिए हाई-टेक नर्सरी स्थापित होगी
उत्तर प्रदेश यूपी में बागवानी को बढ़ावा देने के लिए हाई-टेक नर्सरी स्थापित होगी
हाईलाइट
  • नर्सरी में गुणवत्ता वाले पौधे

डिजिटल डेस्क, लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में बागवानी और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को बढ़ावा देने के लिए अगले पांच वर्षो में सभी 75 जिलों में उत्कृष्टता केंद्र और मिनी उत्कृष्टता केंद्र/हाई-टेक नर्सरी स्थापित करने का निर्णय लिया है।

एक सरकारी प्रवक्ता के अनुसार बहराइच, अंबेडकर नगर, मऊ, फतेहपुर, अलीगढ़, रामपुर और हापुड़ में सरकार द्वारा स्थापित हाई-टेक नर्सरी पहले ही चालू हो चुकी हैं। इसके बाद चंदौली, कौशांबी, सहारनपुर, लखनऊ में उत्कृष्टता केंद्र निर्माणाधीन हैं।

फलों और सब्जियों के लिए क्रमश: बस्ती और कन्नौज में इंडो-इजराइल सेंटर फॉर एक्सीलेंस की स्थापना की गई है ताकि किसानों को गुणवत्तापूर्ण पौध मिल सके। इसके अलावा, सोनभद्र, मुरादाबाद, आगरा, संत कबीर नगर, महोबा, झांसी, बाराबंकी, लखनऊ, चंदौली, गोंडा, बलरामपुर, बदायूं, फिरोजाबाद, शामली और मिजार्पुर में मिनी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस/हाई-टेक नर्सरी निर्माणाधीन हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अवधि के दौरान बागवानी फसलों की खेती के क्षेत्र को 11.6 प्रतिशत से बढ़ाकर 16 प्रतिशत और खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को 6 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है, ताकि समग्र उपज को बढ़ाया जा सके। सरकार गुणवत्तापूर्ण फसलों के उत्पादन को बढ़ाने के लिए उत्कृष्टता केंद्रों के साथ-साथ हाई-टेक नर्सरी में गुणवत्ता वाले पौधे और बीज उगाना चाहती है। सरकार के इस कदम के पीछे का उद्देश्य खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों की बढ़ती संख्या के लिए पर्याप्त फसल उपलब्ध कराना भी है।

उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश ने पिछले पांच वर्षो में फलों और सब्जियों के उत्पादन में 0.7 प्रतिशत की वृद्धि देखी है, इसकी खेती अतिरिक्त 1.01 लाख हेक्टेयर में होने के कारण हुई है। योगी आदित्यनाथ सरकार भी गैर-मौसमी सब्जियां उगाने के लिए इंडो-इजराइल तकनीक के माध्यम से संरक्षित खेती को बढ़ावा दे रही है। पिछले पांच वर्षो में फूलों और सब्जियों की पैदावार बढ़ाने के लिए 177 हेक्टेयर में पॉली हाउस/शेड नेट का विस्तार किया गया है, जिससे 5,549 किसान लाभान्वित हुए हैं।

सब्जी वैज्ञानिक डॉ. एस.पी. सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश में किसानों की आय बढ़ाने के लिए सबसे अधिक और सीमांत किसान प्रभावी तरीका सभी प्रकार के फलों, सब्जियों और मसालों की खेती के माध्यम से है। सिंह ने आगे कहा कि छोटे और सीमांत किसान, जो कुल किसानों की संख्या का 90 प्रतिशत हैं, उपयुक्त जलवायु में विभिन्न प्रकार के फल, सब्जियां और फूल उगाकर इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने कहा कि इनमें से अधिकांश किसान वर्तमान में धान, गेहूं और गन्ना जैसी पारंपरिक फसलों की खेती में लगे हुए हैं और उन्हें अधिक वित्तीय लाभ के लिए फल, सब्जियां और फूल उगाने के लिए प्रोत्साहित करने की जरूरत है।

 

 

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Created On :   22 May 2022 8:00 PM IST

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