विपक्षी वोटों के बंटवारे के बीच गोवा में भाजपा बहुमत से एक कदम दूर

BJP one step away from majority in Goa amid division of opposition votes
विपक्षी वोटों के बंटवारे के बीच गोवा में भाजपा बहुमत से एक कदम दूर
विधानसभा चुनाव 2022 विपक्षी वोटों के बंटवारे के बीच गोवा में भाजपा बहुमत से एक कदम दूर
हाईलाइट
  • पांच नवनिर्वाचित विधायकों का बीजेपी को मिला समर्थन

डिजिटल डेस्क, पणजी। विपक्षी वोटों के व्यापक बंटवारे ने गोवा में भाजपा के लिए सरकार बनाने का मार्ग प्रशस्त किया है, जहां पार्टी ने 20 सीटें जीती हैं।

भारतीय जनता पार्टी के गोवा चुनाव प्रभारी देवेंद्र फडणवीस के अनुसार, पार्टी को पहले ही पांच नवनिर्वाचित विधायकों से समर्थन के पत्र मिल चुके हैं, जिसमें तीन निर्दलीय और दो महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी के सदस्य हैं, जो सत्ताधारी पार्टी और उसके सहयोगियों को 40 सदस्यीय राज्य विधानसभा में 21 विधायकों के जादुई आकंड़े तक पहुंचाने में सहयोगी होंगे। गठबंधन में चुनाव लड़ने वाली कांग्रेस और गोवा फॉरवर्ड पार्टी ने क्रमश: 11 सीटें और एक सीट जीती, यहां तक कि आम आदमी पार्टी ने भी यहां दो सीटें जीतीं। इसके अलावा एक नवोदित क्षेत्रीय पार्टी रिवोल्यूशनरी गोवा ने एक सीट जीती। तृणमूल कांग्रेस चुनाव में एक भी सीट जीतने में नाकाम रही।

फडणवीस ने पणजी में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, तीन निर्दलीय उम्मीदवारों ने भाजपा को समर्थन दिया है। हमने कल कहा था कि अगर हम 21 सीटें भी जीतते हैं, तो भी हम कुछ और लोगों को अपने साथ लेकर चलेंगे। आश्वासन के अनुरूप इन तीनों निर्दलीय और एमजीपी ने भाजपा को समर्थन के पत्र दिए हैं और वे हमारे साथ रहने वाले हैं। भाजपा नेता ने यह भी कहा कि पार्टी इस बार सत्ता के लिए अपने प्रयास में एक भी कांग्रेस विधायक को अपने दल में शामिल नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि नई सरकार का शपथ ग्रहण राज्य नेतृत्व के साथ ही तीन अन्य राज्यों में पार्टी के नेताओं के साथ समन्वय में होगा, जहां पार्टी ने चुनाव जीता है।

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि गोवा में जनादेश की सहज प्रकृति को देखते हुए, सत्ता पर दावा करने के लिए जल्दबाजी करने की कोई आवश्यकता नहीं है। भाजपा को चुनावों से पहले अपने रैंकों में गंभीर सत्ता विरोधी लहर के साथ-साथ गंभीर अंदरूनी कलह का सामना करना पड़ रहा था, जिसके कारण कई विद्रोह हुए। सबसे हाई प्रोफाइल विद्रोही भाजपा के पूर्व सीएम लक्ष्मीकांत पारसेकर और पूर्व रक्षा मंत्री दिवंगत मनोहर पर्रिकर के बेटे उत्पल पर्रिकर थे, लेकिन दोनों क्रमश: मंड्रेम और पणजी विधानसभा क्षेत्रों से स्वतंत्र उम्मीदवारों के तौर पर हार गए। गोवा के लिए कांग्रेस के वरिष्ठ पर्यवेक्षक पी. चिदंबरम ने कहा कि विपक्षी दलों में फूट से भाजपा को चुनावों में फायदा हुआ है।

चिदंबरम ने संवाददाताओं से कहा, भारी बहुमत ने भाजपा के खिलाफ मतदान किया, लेकिन वे वोट कई पार्टियों में बंट गए, जिससे भाजपा को 20 सीटें जीतने का मौका मिला। वहीं दूसरी ओर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गिरीश चोडनकर ने पराजय को लेकर इस्तीफे की पेशकश की है। कांग्रेस विधायक और भाजपा के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार में पूर्व बंदरगाह मंत्री माइकल लोबो ने कहा कि विपक्षी वोटों के बंटवारे के कारण कांग्रेस को सात सीटों का नुकसान हुआ।

लोबो ने कहा, कांग्रेस को विभाजन के कारण सात सीटों का नुकसान हुआ। हमें वोटों में इस तरह के विभाजन की उम्मीद नहीं थी। गोवा के लोग एक बड़ा बदलाव चाहते थे, लेकिन उन्होंने अलग-अलग पार्टियों को वोट दिया। तृणमूल कांग्रेस जो एक भी सीट जीतने में विफल रही, ने एक बयान में कहा, हम इस जनादेश को पूरी विनम्रता के साथ स्वीकार करते हैं। हम हर गोवा वासी का विश्वास और प्यार अर्जित करने के लिए कड़ी मेहनत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। चाहे कितना भी समय लगे, हम यह करेंगे यहां और हम गोवा के लोगों की सेवा करना जारी रखेंगे। आम आदमी पार्टी ने राज्य विधानसभा में अपनी शुरूआत दो जीत के साथ की, जिसमें बेनाउलिम से वेन्जी वीगास और वेलिम से क्रूज सिल्वा की जीत शामिल है।

 

(आईएएनएस)

Created On :   10 March 2022 8:30 PM IST

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