यूपी कांवड़ यात्रा पर सियासत: दुकानों पर मालिकों के नाम का बार्ड लगाने से NDA के घटक दल नाराज, JDU और RLD ने निर्देश का किया विरोध
- JDU और RLD ने निर्देश का किया विरोध
- मालिकों के नाम का बार्ड लगाने से NDA के घटक दल नाराज
- यूपी कांवड़ यात्रा को लेकर प्रशासन ने जारी किया निर्देश
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में सावन महीने के दौरान कांवड़ यात्रा रूट को लेकर आदेश जारी किया गया है। जिसके मुताबिक, कांवड़ यात्रा के रूट पर होटल, रेस्तरां, ढ़ाबा, फल और खान-पान की दुकानों पर मालिक के नाम का बार्ड लगाना जरूरी होगा। जिसे लेकर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के घटक दलों ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। गुरुवार को नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) ने इस मामले पर समीक्षा की मांग की। वहीं, शुक्रवार को पश्चिमी उत्तर प्रदेश की राजनीति में अपनी पकड़ रखने वाले जयंत चौधरी की पार्टी राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) ने इस आदेश को वापस लेने की मांग कर दी है।
विपक्ष के नेताओं ने भी किया विरोध
सबसे पहले मुजफ्फरनगर पुलिस ने कांवड़ रूट की दुकानों को लेकर ऐसा निर्देश दिया। जिसके बाद शामली और सहारनपुर में ऐसे ही निर्देश पुलिस वालों को दिए हैं। समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती, ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहाद उल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी के अलावा कई अन्य विपक्षी नेताओं ने कांवड़ यात्रा रूट की दुकानों पर मालिक के नाम लगाने का विरोध किया है।
विरोध के बाद मुजफ्फनगर की पुलिस ने गुरुवार को कहा कि यह निर्देश स्वैच्छिक हैं। इस बीच शुक्रवार को सीएम योगी आदित्यनाथ ने पूरे यूपी में कांवड़ यात्रा की रूट पर दुकानदारों को नाम लगाने का आदेश दिया है।
आरएलडी और जेडीयू ने किया विरोध
आरएलडी के प्रदेश अध्यक्ष रामाशीष राय ने एक्स पर ट्वीट किया। जिसमें उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश प्रशासन का दुकानदारों को अपनी दुकानों पर अपना नाम और धर्म लिखने का निर्देश देना जाति और संप्रदाय को बढ़ावा देने वाला कदम है। रालोद नेता ने इसे गैर संवैधानिक निर्णय बताते हुए प्रशासन से वापस लेने की मांग की है। वेस्ट यूपी में रालोद बीजेपी की एकलौती सहयोगी पार्टी है। हालांकि, रालोद के पास इस वक्त ज्यादा सांसद नहीं हैं। लेकिन, पश्चिम यूपी में उनके प्रभाव को दरकिनार नहीं किया जा सकता है। जयंत चौधरी की पार्टी की राजनीति में मुसलमानों को भी जगह मिलती रही है। प्रदेश अध्यक्ष का बयान इलाके में अल्पसंख्यकों के बीच इस आदेश से फैल रही नाराजगी का इजहार है।
इधर जेडीयू के प्रवक्ता केसी त्यागी भी पश्चिमी यूपी से ही आते हैं। गुरुवार को उन्होंने कहा कि ऐसा कोई आदेश नहीं जारी करना चाहिए। जिससे सांप्रदायिक विभाजन पैदा हो। केसी त्यागी ने मुजफ्फरनगर के मुसलमानों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि ये लोग हमेशा कांवड़ियों की सेवा और मदद में आगे रहे हैं। त्यागी ने सरकार से इस निर्देश की समीक्षा करने की मांग की थी।
Created On :   19 July 2024 4:33 PM IST