लालू राज में भ्रष्टाचारियों को मिलता था संरक्षण: बीजेपी नेता का आरजेडी पर बड़ा हमला, बोले - 'इन्होंने बिहार का खजाना लूटा'
- बिहार विधानसभा चुनाव में एक साल का समय बाकी
- अभी से तैयारियों में जुटे सभी दल
- एक दूसरे पर जमकर सियासी हमले कर रहे पक्ष-विपक्ष
डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार विधानसभा चुनाव में लगभग 1 साल का समय बचा है लेकिन सूबे की सियासत अभी से गरमा गई है। पक्ष और विपक्ष कई मुद्दों को लेकर एक-दूसरे पर जुबानी हमले कर रहे हैं। इसी क्रम में नीतीश सरकार में स्वास्थ्य मंत्री और बिहार बीजेपी के दिग्गज नेता मंगल पांडेय ने विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और उनकी पार्टी आरजेडी पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि लालू राज में भ्रष्टाचारियों को संरक्षण मिलता था, जबकि नीतीश राज में उन पर एक्शन लिया जा रहा है।
इन्होंने बिहार के खजाने को लूटा
मंगल पांडेय ने कहा, "विपक्ष की बातों पर जनता कतई विश्वास नहीं करेगी, क्योंकि ये वही लोग हैं, जिन्होंने बिहार के खजाने को लूटा। इसके कारण ये जेल गए। गरीबों की जमीन लिखाने के मामले में पूरा परिवार आज भी बेल पर है। उनके कार्यकाल को जनता भूली नहीं है कि उस समय प्रदेश कैसे बदनाम हुआ था।"
तेजस्वी यादव द्वारा बीपीएससी के मुद्दे पर सरकार पर सवाल उठाने को लेकर भाजपा नेता ने कहा, "बीपीएससी परीक्षा को मुद्दा बना कर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव अपने माता-पिता के कलंक को धोना चाहते हैं। उन्हें बताना चाहिए कि क्या यह सच नहीं है कि मुख्यमंत्री रहते जनवरी 1997 में लालू प्रसाद ने जिस डॉ. लक्ष्मी राय को बिहार लोक सेवा आयोग का अध्यक्ष बनाया था, उन्हें पद पर रहते हुए भ्रष्टाचार के आरोप में जेल जाना पड़ा था?"
मंगल पांडेय ने आगे कहा "डॉ.लक्ष्मी राय 1996 में हुए इंजीनियरिंग एडमिशन घोटाला के आरोपी थे। उनके खिलाफ घोटाले के आरोपों की सीबीआई जांच चल रही थी, फिर भी लालू प्रसाद ने उन्हें बीपीएससी का चेयरमैन बना दिया। संगीन आरोपों व सबूतों के आधार पर साल 2000 में सीबीआई ने उन्हें पद पर रहते गिरफ्तार किया था। बीपीएससी को भ्रष्टाचार का अड्डा बनाने वाले राम सिंहासन सिंह को चेयरमैन किसके कार्यकाल में (जुलाई 2004) में बनाया गया था? मोटी राशि वसूल कर प्रशासनिक पदाधिकारियों के पदों को किसके राज में बेचा गया था?"
बीजेपी नेता ने आगे कहा, "बीपीएससी अभ्यर्थियों को लेकर घड़ियाली आंसू बहाने वाले तेजस्वी बताएं कि बीपीएससी के चेयरमैन रामसिंहासन सिंह सहित वहां के 8 कर्मियों को 2005 में एनडीए की सरकार बनने के बाद क्यों गिरफ्तार किया गया? पेपर लीक के बहाने बिहार के युवाओं को गुमराह करने की कोशिश करने वाले तेजस्वी यादव को एक बार अपने माता-पिता के कार्यकाल को याद कर लेना चाहिए। लालू राज में भ्रष्टाचारियों को संरक्षण मिलता था। वहीं, नीतीश राज में कार्रवाई होती है।"
Created On :   25 Dec 2024 1:31 AM IST