चंडीगढ़ मेयर चुनाव का मामला: आज सुप्रीम कोर्ट पहुंचेंगे मतपत्र, वीडियो देखकर मतपत्रों की जांच करेगा टॉप कोर्ट
- मेयर चुनाव विवाद मामले की सुप्रीम सुनवाई
- सुप्रीम कोर्ट ने पीठासीन अधिकारी को फिर लगाई फटकार
- हॉर्स ट्रेडिंग को लेकर बेहद चिंतित-कोर्ट
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। चंडीगढ़ मेयर चुनाव विवाद के मामले में आज फिर सुनवाई होनी है। रिटर्निंग ऑफिसर पर जिन मतपत्रों में छेड़छाड़ी करने का आरोप लग रहा है, आज वो टॉप कोर्ट में पहुंचेंगे। उच्चतम न्यायालय ने 30 जनवरी को हुए मेयर चुनाव के सभी मतपत्र और वीडियो मंगवा लिए हैं। शीर्ष अदालत ने रिटर्निंग अधिकारी अनिल मसीह से भी पूछताछ की। पूछताछ में अधिकारी ने मतपत्रों पर कलम से निशान लगाने की बात को स्वीकार किया है। आब आज मंगलवार को शीर्ष कोर्ट दोपहर दो बजे चुनाव का पूरा वीडियो देखने के साथ मतपत्रों की जांच करेगी।
बीते दिन सोमवार को सुको में सुनवाई से पहले बीजेपी मेयर मनोज सोनकर ने पद से इस्तीफा दे दिया, अब कोई मेयर नहीं है। द पंजाब म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन लॉ (एक्सटेंशन टू चंडीगढ़) एक्ट 1994 के सेक्शन 41 के मुताबिक अगर एक महीने तक मेयर के लिए चुनाव नहीं होते हैं तो सीनियर डिप्टी मेयर को मेयर की जिम्मेदारी मिल जाती है।
आपको बता दें
30 जनवरी को मेयर चुनाव में बीजेपी ने आप -कांग्रेस के गठबंधन को हराया। मनोज सोनकर मेयर बने।गठबंधन दलों ने रिटर्निंग ऑफिसर पर आठ वोटों से छेड़छाड़ी कर अमान्य करने का आरोप लगाया, इसके संबंध में एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ। मामले ने तूल पकड़ा और गठबंधन दलों ने 31 जनवरी को चुनाव में धांधली का आरोप लगाते हुए उच्च न्यायालय हरियाणा में याचिका लगाई। हाईकोर्ट ने चंडीगढ़ प्रशासन को नोटिस जारी कर तीन हफ्ते में जवाब मांगा।
5 फरवरी को आप ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। शीर्ष कोर्ट ने पीठासीन अधिकारी की आलोचना की और कड़ी फटकार लगाई। सुको ने कहा यह लोकतंत्र की हत्या है। उन पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए। 19 फरवरी को सुनवाई तय की गई।
18 फरवरी : सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से एक दिन पहले मनोज सोनकर ने चंडीगढ़ मेयर पद से इस्तीफा दिया,और आम आदमी पार्टी के तीन पार्षदों ने पार्टी छोड़ दी और बीजेपी की सदस्यता ले ली।
19 फरवरी : सुप्रीम कोर्ट ने अनिल मसीह को फटकार लगाई। मतपत्र व वीडियो मंगवाए। 20 फरवरी को फिर सुनवाई तय की।
Created On :   20 Feb 2024 3:46 AM GMT