स्वास्थ्य/चिकित्सा: एड्स खत्म करने के लिए नई दवाओं तक सबकी पहुंच जरूरी यूएनएआईडीएस

एड्स खत्म करने के लिए नई दवाओं तक सबकी पहुंच जरूरी  यूएनएआईडीएस
संयुक्त राष्ट्र के एचआईवी/एड्स कार्यक्रम (यूएनएआईडीएस) ने मंगलवार को वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम की वार्षिक बैठक में कहा कि वैश्विक नेताओं को तुरंत यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सभी निम्न और मध्यम आय वाले देशों में एचआईवी की रोकथाम और संभावित इलाज के लिए नई, लंबे समय तक असर करने वाली दवाएं उपलब्ध हों। इससे 2030 तक एड्स खत्म करने में मदद मिलेगी।

दावोस, 21 जनवरी (आईएएनएस)। संयुक्त राष्ट्र के एचआईवी/एड्स कार्यक्रम (यूएनएआईडीएस) ने मंगलवार को वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम की वार्षिक बैठक में कहा कि वैश्विक नेताओं को तुरंत यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सभी निम्न और मध्यम आय वाले देशों में एचआईवी की रोकथाम और संभावित इलाज के लिए नई, लंबे समय तक असर करने वाली दवाएं उपलब्ध हों। इससे 2030 तक एड्स खत्म करने में मदद मिलेगी।

हाल ही में दो दवाओं ने एचआईवी के खिलाफ प्रभाव दिखाया है: लेनाकैपावीर और कैबोटेग्रावीर।

लेनाकैपावीर को गिलियड साइंसेज ने विकसित किया है। यह साल में केवल दो बार दिए जाने पर 95% से अधिक प्रभावी साबित हुई है। अब कंपनी इसे साल में केवल एक बार देने के लिए परीक्षण कर रही है।

कैबोटेग्रावीर वीव हेल्थकेयर द्वारा तैयार इंजेक्शन है जिसे हर दो महीने में दिया जाता है और एचआईवी को रोकने में कारगर है। यह पहले से ही कुछ देशों में उपयोग में है।

हालांकि ये दवाएं एचआईवी का इलाज या वैक्सीन नहीं हैं, लेकिन वे महामारी को रोकने में सक्षम हो सकती हैं।

इसके अलावा, एचआईवी से लड़ने के लिए अन्य उपायों में एक महीने तक असर करने वाली वैजाइनल रिंग्स (जो पहले से उपयोग में हैं) और लंबे समय तक असर करने वाली गोलियां और वैजाइनल रिंग्स (जो अभी परीक्षण में हैं) शामिल हैं।

यूएनएआईडीएस की कार्यकारी निदेशक विनी ब्यान्यिमा ने कहा, “ये नई तकनीकें हमें 2030 तक एड्स खत्म करने का असली मौका देती हैं। लेकिन यह तभी संभव है जब दवा कंपनियां, सरकार, अंतर्राष्ट्रीय साझेदार और समाज एकजुट होकर एचआईवी की रोकथाम और इलाज में क्रांति लाएं।”

लंबे समय तक असर करने वाली इन नई दवाओं से एचआईवी के नए संक्रमण को रोका जा सकता है और एचआईवी संक्रमित लोगों में वायरस को दबाया जा सकता है। लेकिन यह तब तक संभव नहीं है जब तक हर जगह इन दवाओं तक सबकी पहुंच न हो।

यूएनएआईडीएस ने दवा कंपनियों से दवाओं की कीमत सस्ती करने और जेनेरिक दवाओं के उत्पादन को तेज करने की अपील की। गिलियड और वीव ने कुछ देशों को जेनेरिक उत्पादन का लाइसेंस दिया है, लेकिन प्रक्रिया धीमी है।

इस वजह से जेनेरिक दवाएं अगले साल तक ही उपलब्ध हो सकेंगी और कई देशों को इससे बाहर रखा गया है। खासतौर पर लैटिन अमेरिका जैसे क्षेत्र, जहां एचआईवी संक्रमण बढ़ रहा है।

गिलेयड ने केवल छह कंपनियों को इस दवा का जेनरिक वर्जन बनाने की अनुमति दी है। एजेंसी ने कहा कि दवा को सस्ती और व्यापक रूप से उपलब्ध कराने के लिए, अधिक जेनरिक उत्पादन की आवश्यकता है।

ब्यानिमा ने एड्स से लड़ने के लिए उसी प्रकार के कदम उठाने की मांग की, जैसे कि गर्भनिरोधक और कोविड-19 वैक्सीन को बढ़ावा देने के लिए उठाए गए थे।

वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की वार्षिक बैठक 2025 स्विट्जरलैंड के दावोस-क्लॉस्टर्स में 20 से 24 जनवरी तक हो रही है। वैश्विक नेता 'स्मार्ट युग के लिए सहयोग' विषय पर विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श कर रहे हैं।

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Created On :   21 Jan 2025 3:51 PM IST

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