अपराध: उत्तर प्रदेश रेरा में भ्रष्टाचार का मामला, लेखाकार रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार

उत्तर प्रदेश रेरा में भ्रष्टाचार का मामला, लेखाकार रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार
उत्तर प्रदेश रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (यूपी रेरा) में भ्रष्टाचार का एक और मामला सामने आया है। एंटी करप्शन टीम मेरठ ने शनिवार को यूपी रेरा कार्यालय में तैनात लेखाकार हरेंद्र गोस्वामी को पांच हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।

नोएडा, 26 अप्रैल (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (यूपी रेरा) में भ्रष्टाचार का एक और मामला सामने आया है। एंटी करप्शन टीम मेरठ ने शनिवार को यूपी रेरा कार्यालय में तैनात लेखाकार हरेंद्र गोस्वामी को पांच हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।

आरोपी पर फ्लैट कब्जे में देरी से परेशान खरीदार से काम कराने के एवज में रिश्वत मांगने का आरोप है। मामला केंद्रीय वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग में सहायक निदेशक के पद पर कार्यरत कुलदीप कुमार से जुड़ा है। कुलदीप ने वर्ष 2014 में ग्रेटर नोएडा के सेक्टर-10 स्थित 'अमात्रा होम्स' प्रोजेक्ट में एक फ्लैट बुक किया था। नियमानुसार, फ्लैट का कब्जा वर्ष 2018 में मिलना था, लेकिन डेवलपर ने न तो ऑक्यूपेशन सर्टिफिकेट (ओसी) और न ही कंप्लीशन सर्टिफिकेट (सीसी) लिया और 2019 में कब्जा सौंप दिया। इसके साथ ही बिल्डर ने अतिरिक्त चार लाख रुपए की अवैध मांग भी कर दी।

कुलदीप ने इस अनियमितता की शिकायत यूपी रेरा में दर्ज कराई थी। जांच के बाद बिल्डर द्वारा दायर अपील जून 2022 में खारिज कर दी गई थी। इसके बावजूद पिछले तीन वर्षों से कुलदीप को न तो वैध कब्जा मिल पाया और न ही बिल्डर पर जुर्माना लगाया गया।

इसी बीच लेखाकार हरेंद्र गोस्वामी ने कुलदीप से उनका काम जल्दी करवाने के लिए 50 हजार रुपए की रिश्वत मांगी। जब कुलदीप ने इतनी बड़ी रकम देने में असमर्थता जताई, तो हरेंद्र ने पांच हजार रुपए तत्काल और शेष राशि बाद में देने का प्रस्ताव रखा। इस पर कुलदीप ने एंटी करप्शन टीम से संपर्क कर शिकायत दर्ज कराई।

पूर्व नियोजित योजना के तहत जैसे ही हरेंद्र गोस्वामी ने पांच हजार रुपए रिश्वत ली, एंटी करप्शन टीम ने उसे रंगे हाथ दबोच लिया। आरोपी को बीटा-2 कोतवाली लाकर पूछताछ के बाद विधिक कार्यवाही की जा रही है।

पीड़ित कुलदीप ने कहा कि वह एक केंद्रीय अधिकारी होते हुए भी तीन साल से न्याय के लिए भटक रहे थे। अब वह चाहते हैं कि यूपी रेरा में सुधार हो और पीड़ितों को समय से न्याय मिल सके।

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Created On :   26 April 2025 6:56 PM IST

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