राजनीति: मुर्शिदाबाद हिंसा पर सीपीआई (एम) नेता मोहम्मद सलीम बोले, ‘हाईकोर्ट के सिटिंग जज की देखरेख में हो जांच’

कोलकाता, 15 अप्रैल (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में वक्फ कानून को लेकर हुए विरोध प्रदर्शन के बाद भड़की हिंसा पर सियासत जारी है। राजनीतिक दलों के नेता लगातार मुर्शिदाबाद का दौरा कर रहे हैं। इस बीच, सीपीआई (एम) के राज्य सचिव मोहम्मद सलीम ने ग्राउंड जीरो का भी दौरा किया। उन्होंने हिंसा को लेकर जांच की मांग की।
सीपीआई (एम) के राज्य सचिव मोहम्मद सलीम ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, "मैंने सोमवार को मुर्शिदाबाद का दौरा किया। मैं ग्राउंड जीरो पर गया, जहां हरगोबिंद दास और उनके बेटे चंचल दास की हत्या की गई थी। इसके अलावा, एक अन्य गांव भी गया, जहां एजाज़ नाम के शख्स की पुलिस की गोली से मौत हुई। उसे सही समय पर इलाज मिल जाता तो उसकी जान बच सकती थी। मैं चाहता हूं कि हाईकोर्ट के सिटिंग जज की देखरेख में इसकी जांच की जाए। साथ ही रानीगंज से बशीरहाट तक हिंसा की कई घटनाएं हुई हैं और उनकी उचित जांच नहीं की गई। हम चाहते हैं कि हिंसा के दोषियों पर कड़ी कार्रवाई हो।"
उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर सवाल उठाते हुए कहा, "ममता बनर्जी चाहती हैं कि उन पर और उनके भतीजे के खिलाफ करप्शन के मामले में भाजपा सरकार कोई कार्रवाई नहीं करे और हिंसा के मामले में भी वह कोई भूमिका नहीं निभाएंगी। यही कारण है कि पिछले 14 सालों में जितने फसाद हुए हैं, उन मामलों में कोई कार्रवाई नहीं की गई है। हमारी मांग है कि उचित जांच होनी चाहिए और सरकार को जानमाल की भरपाई करनी चाहिए।"
मोहम्मद सलीम ने वक्फ कानून को संविधान विरोधी बताया। उन्होंने कहा, "वक्फ कानून संविधान विरोधी है और इसी वजह से सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं भी दायर की गई हैं। सीपीआई (एम) की तरफ से मैंने याचिका दाखिल की है।"
बंगाल हिंसा में बांग्लादेशी घुसपैठियों की भूमिका पर उन्होंने कहा, "ये बात केंद्र भी बोल रहा है और यही बात टीएमसी भी कह रही है। वे ये दिखाना चाहते हैं कि हमारा इसमें कोई हाथ नहीं है बल्कि बाहर से आए लोगों ने ये सब किया है। मैं यही कहूंगा कि केंद्र और राज्य सरकार की जिम्मेदारी है कि दोषियों पर कार्रवाई की जाए। हिंसा की निष्पक्षता के साथ जांच होनी चाहिए और इसके जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई होनी चाहिए।"
दक्षिण 24 परगना जिले में हुई हिंसा पर उन्होंने कहा, "आप जहां भी नजर डालेंगे। चाहे वह बलात्कार के मामले हों या चोरी या फिर लूट और दंगा फसाद, ऐसे मामलों में बीजेपी और तृणमूल का हाथ दिखाई देगा।"
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Created On :   15 April 2025 11:01 PM IST