राजनीति: रायगढ़ में राजमाता जिजाऊ मां साहेब की समाधि का दर्शन कर राष्ट्र निर्माण में उनके योगदान के प्रति जताई कृतज्ञता अमित शाह

रायगढ़, 12 अप्रैल (आईएएनएस)। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह शनिवार को छत्रपति शिवाजी महाराज की पुण्यतिथि पर महाराष्ट्र के रायगढ़ किले पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए। अमित शाह ने किले में शिवाजी महाराज को श्रद्धांजलि अर्पित की। इससे पहले उन्होंने शिवाजी महाराज की माता को पुष्पांजलि अर्पित की थी।
अमित शाह का कहना है कि रायगढ़ में राजमाता जिजाऊ मां साहेब की समाधि का दर्शन कर, राष्ट्र निर्माण में उनके योगदान के प्रति कृतज्ञता अर्पित की।
केंद्रीय गृह मंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "छत्रपति शिवाजी महाराज की माता, जिजाऊ मां साहेब ने शिवाजी महाराज के हृदय में सेवा, संवेदना और शौर्य के जो बीज बोए थे, वही आगे चलकर हिंदवी स्वराज का संकल्प बने। आज महाराष्ट्र के रायगढ़ में राजमाता जिजाऊ मां साहेब की समाधि का दर्शन कर, राष्ट्र निर्माण में उनके योगदान के प्रति कृतज्ञता अर्पित की।"
बता दें कि अमित शाह ने रायगढ़ किले पर छत्रपति शिवाजी महाराज की 345वीं पुण्यतिथि पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि जहां हिंदवी स्वराज का स्वर्ण सिंहासन प्रस्थापित हुआ, उस ऐतिहासिक रायगढ़ किले पर आना सौभाग्य की बात है। यह ऐतिहासिक रायगढ़ किला बाल शिवा से लेकर छत्रपति के अंतिम समय तक के इतिहास का साक्षी है।
उन्होंने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज ने हिंदुस्तान के कण-कण में स्वधर्म, स्वभाषा और स्वराज के लिए अपने प्राणों की आहुति देने एक अमर जिजीविषा पैदा की और देखते ही देखते चारों ओर आदिलशाही, मुगलशाही, निजामशाही से घिरा हुआ महाराष्ट्र हिंदवी स्वराज में बदल गया। अगले कुछ ही वर्षों में अटक से कटक, बंगाल और दक्षिण में तमिलनाडु समेत पूरे देश में स्वराज का स्वप्न सफल होता दिखाई दिया।
अमित शाह ने कहा कि जब शिवाजी महाराज का जन्म हुआ, उस समय देश की जनता घोर अंधकार में डूबी थी। ऐसा वातावरण था कि किसी के मन में स्वराज की कल्पना आना भी दुष्कर था। देवगिरी के पतन के बाद 100 साल के अंदर ही महाराष्ट्र से लेकर समग्र दक्षिण का पतन हुआ और धीरे-धीरे स्वधर्म और स्वराज की बात को लोग गुनाह समझने लगे। लेकिन ऐसे समय में 12 साल के एक बच्चे ने अपनी मां जीजाबाई की प्रेरणा से सिंधु से कन्याकुमारी तक एक बार फिर भगवा फहराने की प्रतिज्ञा की। उन्होंने दुनिया के कई नायकों के जीवन चरित्र पढ़े हैं, मगर ऐसी दृढ़ इच्छाशक्ति, अदम्य साहस, अकल्पनीय रणनीति और समाज के हर वर्ग को साथ रखकर एक अपराजेय सेना का निर्माण छत्रपति शिवाजी महाराज के अलावा किसी और ने नहीं किया।
इस अवसर पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री अजित पवार और केंद्रीय सहकारिता राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल समेत कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।
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Created On :   12 April 2025 9:04 PM IST