राष्ट्रीय: मेरठ-नोएडा-भोपाल में 'फिटजी' के संस्थान बंद होने से संकट में बच्चों का भविष्य, अभिभावक परेशान
नोएडा/भोपाल, 25 जनवरी (आईएएनएस)। 'फिटजी' के कोचिंग संस्थानों से पढ़ाई कर रहे छात्रों को उस वक्त बड़ा झटका लगा जब उन्हें पता चला कि जिस संस्थान में वे पढ़ाई कर रहे थे, वह अब बंद कर दिया गया है। जब छात्र कोचिंग संस्थान पहुंचे तो गेट पर ताला लटका मिला।
'फिटजी' ने दिल्ली-एनसीआर समेत देश के पांच राज्यों में कोचिंग संस्थान बंद कर दिए हैं। इससे छात्रों का भविष्य संकट में पड़ गया है और अभिभावक भी परेशान हैं।
नोएडा-मेरठ-भोपाल में 'फिटजी' कोचिंग संस्थान बंद होने के बाद समाचार एजेंसी आईएएनएस ने कुछ छात्रों और अभिभावकों से बात की।
उत्तर प्रदेश के मेरठ की एक छात्रा ने कहा, "मैंने 'फिटजी' में इसलिए प्रवेश लिया क्योंकि यहां का रिजल्ट बहुत अच्छा है। मैंने अपने अभिभावकों को भी इसके लिए मना लिया था। लेकिन, अचानक इस संस्थान को बंद कर दिया गया। इससे काफी परेशानी हो रही है।"
एक अभिभावक ने कहा कि माता-पिता को इसकी जानकारी नहीं दी गई, और सोमवार से ही सेंटर बंद है। हमने चार से पांच लाख रुपये का भुगतान किया है, लेकिन सेंटर खुलेगा या नहीं, इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। बच्चों की पढ़ाई भी रुकी हुई है, जबकि जेईई की परीक्षा नजदीक आ रही है।
उत्तर प्रदेश के ही नोएडा में अभिभावकों ने 'फिटजी' के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई है। यहां एक अभिभावक ने कहा, "हमने अपने बच्चों के चार वर्षीय पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए पूरी फीस का भुगतान किया है। पिछले एक या दो सप्ताह से कक्षाएं नहीं लगी हैं। संस्थान के लोग बताएं कि क्लासेज फिर से कब शुरू होंगी या फीस वापस करें। संस्थान पर ताला लगा हुआ है और हमने सेक्टर 58 थाने में एफआईआर दर्ज कराई है।"
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में 'फिटजी' बंद होने के बाद यहां अभिभावकों का गुस्सा फूटा है। एक अभिभावक ने कहा, "मेरी बेटी 10वीं में है। मैंने बीटेक के चार साल के कोर्स के लिए कुल 3,47,000 रुपये में से 2,83,000 रुपये का भुगतान कर दिया है। केवल 64,000 रुपये का भुगतान करना बाकी था। माता-पिता के रूप में, हम अपने बच्चों के सपनों को पूरा करने के लिए एक-एक पैसा बचाते हैं, लेकिन जब ऐसे संस्थान धोखाधड़ी करते हैं, तो यह हमें तबाह कर देता है। मेरे पति सेना में हैं और हमारे पास पहले से ही कई जिम्मेदारियां हैं। मैं सरकार से माता-पिता को उनका पैसा वापस दिलाने में मदद करने का आग्रह करती हूं।"
अभिभावकों की मांग है कि या तो कोचिंग संस्थानों में दोबारा से पढ़ाई शुरू कराई जाए नहीं तो उनकी फीस लौटाई जाए। वहीं, छात्रों का कहना है कि अगर कोचिंग संस्थान में पढ़ाई शुरू नहीं हो पाती है तो काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। इससे सीधे तौर पर पढ़ाई प्रभावित होगी।
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Created On :   25 Jan 2025 8:59 PM IST