अपराध: हाथरस से अगवा जियो फाइबर के मैनेजर को एसटीएफ ने बचाया, मुठभेड़ के बाद तीन गिरफ्तार

हाथरस से अगवा जियो फाइबर के मैनेजर को एसटीएफ ने बचाया, मुठभेड़ के बाद तीन गिरफ्तार
उत्तर प्रदेश के हाथरस से अगवा किए गए जियो फाइबर के मैनेजर को एसटीएफ ने मुरादाबाद में मुठभेड़ के बाद छुड़ा लिया। इस दौरान तीन अभियुक्त पकड़े गए हैं। जिसमें एक को गोली लगी है। जिसे अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।

मुरादाबाद, 4 जनवरी (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के हाथरस से अगवा किए गए जियो फाइबर के मैनेजर को एसटीएफ ने मुरादाबाद में मुठभेड़ के बाद छुड़ा लिया। इस दौरान तीन अभियुक्त पकड़े गए हैं। जिसमें एक को गोली लगी है। जिसे अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।

यूपी के नए एडीजी लॉ एंड आर्डर अमिताभ यश की तरफ से मिली जानकारी में बताया गया कि एक जनवरी को जनपद हाथरस में जिओ फाइबर के मैनेजर अभिनव भारद्वाज की फिरौती हेतु अपहरण की घटना हुई थी। जिसका अभियोग थाना हाथरस गेट पर पंजीकृत हुआ था। आज जनपद मुरादाबाद के थाना सिविल लाइंस में अपहरणकर्ताओं से यूपी एसटीएफ की नोएडा यूनिट और जनपद हाथरस की संयुक्त टीम से मुठभेड़ हुई है। जिसमें अगवा अभिनव भारद्वाज को सुरक्षित बरामद कर लिया गया है। मुठभेड़ में एक बदमाश को गर्दन के पास गोली लगी है। घायल बदमाश के अलावा इनके दो और सह अभियुक्तों को भी गिरफ्तार किया गया है।

पुलिस ने बताया कि अभियुक्त विशाल जिसको गोली लगी है वो उत्तराखंड अल्मोड़ा का रहने वाला है। दूसरा सुजल कुमार भी यहीं का रहने वाला है। तीसरा अभियुक्त करण बिष्ट है जिसकी उम्र 20 वर्ष की है। इनके पास घटना में प्रयुक्त स्विफ्ट कार ,पचास हज़ार रुपए नगद, मोबाइल फोन और अन्य सामान हज़ार रुपए नगद के साथ मोबाइल फोन और अन्य सामान बरामद हुए हैं। इसके अलावा एक स्कूटी भी है जो घटना में प्रयुक्त हुई है। तीनों अभियुक्तों को डीएम आवास के पास गिरफ्तार किया गया है। जिस बदमाश के गले में गोली लगी है। उसे मुरादाबाद के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

एसटीएफ और हाथरस पुलिस ने सूचना के आधार पर अपहरणकर्ताओं का पीछा कर मुरादाबाद में घेर लिया। वहां पर मुठभेड़ हो गई। मुठभेड़ में अपहरणकर्ता विशाल को गोली लगी और मैनेजर अभिनव भारद्वाज को छुड़ा लिया गया।

कोतवाली हाथरस गेट क्षेत्र के निवासी जियो फाइबर के मैनेजर का अपहरण कर लिया गया था। उनकी एक जनवरी को शाम सात बजे परिजनों से आखिरी बार बात हुई थी। परिजनों को अपहरण का पता तब लगा, जब उनकी पत्नी से फोन पर फिरौती मांगी गई। इसके बाद पुलिस एक्टिव मोड पर थी।

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Created On :   4 Jan 2025 12:40 PM IST

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