अपराध: तीन नए आपराधिक कानून गुलामी की मानसिकता से निजात दिलाएंगे शाजिया इल्‍मी

तीन नए आपराधिक कानून गुलामी की मानसिकता से निजात दिलाएंगे  शाजिया इल्‍मी
एक जुलाई यानी आज से देशभर में तीन नये आपराधिक कानून भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य लागू हो गए। इसे बीजेपी नेता शाजिया इल्‍मी ने देश के न्याय तंत्र में बड़ा बदलाव बताया है।

नई दिल्ली, 1 जुलाई (आईएएनएस)। एक जुलाई यानी आज से देशभर में तीन नये आपराधिक कानून भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य लागू हो गए। इसे बीजेपी नेता शाजिया इल्‍मी ने देश के न्याय तंत्र में बड़ा बदलाव बताया है।

तीन नए आपराधिक कानूनों के लागू होने को लेकर उन्होंने कहा कि यह एक सुनहरा अवसर है। मेरी शुभकामनाएं सभी देशवासियों के लिए है। पहली बार हम देख रहे हैं कि उपनिवेशवाद के खिलाफ, ब्रिटिश साम्राज्यवाद के खिलाफ देश के हिसाब से भारतीयों के संदर्भ में भारतीयों के लिए जो जरूरी है, उसी सोच के साथ कानून में बदलाव किया गया है।

उन्होंने आगे कहा कि राजशाही से, अंग्रेजी हुकूमत से अभी तक वही पुराने कानून चल आ रहे थे। अंग्रेजों ने जिस तरीके से अपनी सोच के मुताबिक कानून बनाए थे उनको हटाया गया है। आप देखेंगे कि पहली जो पूरी मानसिकता थी, गुलामी की जो सोच थी उससे हमें निजात मिल रही है। इसे आप एक असली आजादी मान सकते हैं। जो देश के आम लोग या मुवक्किल हों, वकील हों, उनके लिए यह गौरव का क्षण है।

उन्होंने कहा कि ऑनलाइन शिकायत के जरिए मामले की सुनवाई हो रही है। डिजिटलाइजेशन से ज्यूडिशरी की कार्रवाई में भी आसानी होगी। हमें लगता है कि जितना बैकलॉग रहता है और एक बहुत बड़ी कमी जो ज्यूडिशल सिस्टम में रही है, चाहे वह भीड़ हो ,बैकलॉग हो, तारीख ना मिलने की बात हो या देर से तारीख की बात हो, फॉरेंसिक तौर पर जांच नहीं हो पाती थी या फिर जो केंद्र और स्टेट के अंदर जो इंटेलिजेंस की शेयरिंग होनी चाहिए थी, और जो रिकॉर्ड होने होने चाहिए थे, डिजिटलाइजेशन से, वह सारे के सारे काम हो जाएंगे। हमें लगता है कि यह बहुत जरूरी था।

शाजिया इल्मी ने कहा कि हमारा जो सबूत को इकट्ठा करने का, उसको सुरक्षित रखने का तरीका था, अब अपग्रेड हो रहा है। जो फॉरेंसिक जांच होती है, उसके तरीके बदले जाएंगे और बदल रहे हैं। दुनिया भर में अपग्रेड हो रहा है और आज जमाना बदल गया है। अपराधियों के बचने की जो गुंजाइश पहले रह जाती थी, अब नहीं रह पाएगी।

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Created On :   1 July 2024 7:48 AM GMT

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