अंतरराष्ट्रीय: ब्रिटिश सांसदों ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न पर जताई चिंता

ब्रिटिश सांसदों ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न पर जताई चिंता
कई शीर्ष ब्रिटिश सांसदों ने बांग्लादेश में जल्द, निष्पक्ष और समावेशी चुनाव कराने की अपील की। उन्होंने दक्षिण एथियाई देश में धार्मिक अल्पसंख्यकों के लगातार उत्पीड़न और कानून-व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति पर चिंता जाहिर की।

लंदन, 29 मई (आईएएनएस)। कई शीर्ष ब्रिटिश सांसदों ने बांग्लादेश में जल्द, निष्पक्ष और समावेशी चुनाव कराने की अपील की। उन्होंने दक्षिण एथियाई देश में धार्मिक अल्पसंख्यकों के लगातार उत्पीड़न और कानून-व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति पर चिंता जाहिर की।

वेस्टमिंस्टर में आयोजित 'बांग्लादेश के कंजर्वेटिव मित्रों' की बैठक के दौरान यह अपील की गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता राष्ट्रमंडल उद्यम एवं निवेश परिषद के अध्यक्ष लॉर्ड जोनाथन पी. मार्लैंड ने की।

नॉर्थ बेडफोर्डशायर से सांसद और शैडो चीफ सेक्रेटरी रिचर्ड फुलर, ओर्पिंगटन से सांसद और शैडो परिवहन सचिव गैरेथ बेकन, हैरो ईस्ट से सांसद बॉब ब्लैकमैन, [जो 1922 समिति के अध्यक्ष और बैकबेंच बिजनेस समिति के अध्यक्ष भी हैं], ने बैठक में भाग लिया।

हैरो ईस्ट से ब्रिटिश कंजर्वेटिव पार्टी के सांसद ब्लैकमैन ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदायों के रोज पैदा होने वाले खतरों का मुद्दा उठाया।

नॉर्थ बेडफोर्डशायर से ब्रिटिश कंजर्वेटिव पार्टी के सांसद फुलर ने अंतरिम सरकार के तहत बांग्लादेश की नाजुक स्थिति को रेखांकित किया। उन्होंने ब्रिटिश सरकार से बांग्लादेश के अधिकारियों के साथ मिलकर काम करने की अपील की, ताकि लोकतांत्रिक सुधारों में तेजी लाई जा सके और आम चुनाव कराए जा सकें।

कुल मिलाकर, प्रतिभागियों ने अशांत राजनीतिक स्थिति के कारण अल्पसंख्यकों की दुर्दशा पर गंभीर चिंता व्यक्त की और साथ ही नाजुक आर्थिक स्थितियों पर भी चर्चा की।

इससे पहले, 8 अप्रैल को, वरिष्ठ ब्रिटिश राजनीतिज्ञ और प्रमुख न्यायविद लॉर्ड एलेक्स कार्लाइल ऑफ बेरीव ने ब्रिटिश संसद के हाउस ऑफ कॉमन्स में आयोजित 'लोकतंत्र, मानवाधिकार, सुशासन, कानून का शासन और बांग्लादेश के वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य में राजनीतिक दलों की भूमिका' पर संगोष्ठी की अध्यक्षता की थी।

पिछले साल अगस्त में शेख हसीना सरकार गिर जाने के बाद से बांग्लादेश के हालात नाजुक हो गए। धार्मिक अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जाना और बिगड़ती कानून व्यवस्था दो सबसे गंभीर विषय है। मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार पर यह आरोप है कि वह धार्मिक अल्पसंख्यकों को उचित सुरक्षा देने में नाकाम रही है।

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Created On :   29 April 2025 6:19 PM IST

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