राजनीति: मुर्शिदाबाद और मालदा में हालात खराब, ममता सरकार पूरी तरह से फेल अजय आलोक

मुर्शिदाबाद और मालदा में हालात खराब, ममता सरकार पूरी तरह से फेल  अजय आलोक
कलकत्ता हाई कोर्ट की एक विशेष डिवीजन बेंच ने मुर्शिदाबाद जिले में भड़की हिंसा के बाद केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल तैनात करने का आदेश दिया है। इस मुद्दे पर भाजपा नेता अजय आलोक ने कहा कि बंगाल में पलायन शुरू हो चुका है और हिंदुओं पर हमले भी हो रहे हैं।

नई दिल्ली, 13 अप्रैल (आईएएनएस)। कलकत्ता हाई कोर्ट की एक विशेष डिवीजन बेंच ने मुर्शिदाबाद जिले में भड़की हिंसा के बाद केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल तैनात करने का आदेश दिया है। इस मुद्दे पर भाजपा नेता अजय आलोक ने कहा कि बंगाल में पलायन शुरू हो चुका है और हिंदुओं पर हमले भी हो रहे हैं।

भाजपा नेता अजय आलोक ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, "बंगाल की हालत बहुत चिंताजनक है। मुझे लगता है कि बंगाल के हिंदू ज्वालामुखी के मुहाने पर बैठे हुए हैं, जो फटने को तैयार है और रुक-रुक कर फट भी रहा है। पलायन शुरू हो गया है और हिंदुओं पर हमले भी हो रहे हैं।"

उन्होंने आगे कहा, "1947 में जिस तरीके की हिंसा हुई थी, उस तरीके की एक बार फिर से हिंसा हो रही है और वह दिन याद आ रहे हैं। मुर्शिदाबाद और मालदा में भी कुछ वैसे ही हालात हैं। हालांकि, राज्य सरकार आंख मूंदकर इन सारी घटनाओं को देख रही है और इस्लामी जिहादियों को सरपरस्ती दे रही है, जिससे उनका मनोबल और भी बढ़ रहा है। पुलिस वालों को मारा जा रहा है और कुछ पुलिसकर्मी तो आईसीयू में भर्ती हैं। वहां हालात इतने खराब हो गए हैं कि पुलिस से स्थिति कंट्रोल नहीं हो रही है तो बीएसएफ बुलाई गई है। इस पूरे मामले को केंद्र सरकार से लेकर हाई कोर्ट तक देख रहा है। मैं अपील करता हूं कि सुप्रीम कोर्ट भी बंगाल की स्थिति का संज्ञान लें। क्या हम एक और विभाजन की इजाजत दे सकते हैं? कानून व्यवस्था के मुद्दे पर ममता सरकार पूरी तरह से फेल हो गई है।"

शनिवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय की एक विशेष डिवीजन बेंच ने मुर्शिदाबाद जिले में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल तैनात करने का आदेश दिया। कोर्ट ने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा हाल के दिनों में वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ प्रदर्शनों के दौरान सांप्रदायिक अशांति को नियंत्रित करने के लिए किए गए उपाय पर्याप्त नहीं थे।

बेंच ने यह भी कहा कि अगर पहले सीएपीएफ तैनात किया गया होता, तो स्थिति इतनी गंभीर और अस्थिर नहीं होती।

कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा, "केंद्रीय सशस्त्र बलों की पहले तैनाती से स्थिति को कम किया जा सकता था, क्योंकि ऐसा प्रतीत होता है कि समय पर पर्याप्त उपाय नहीं किए गए।"

खंडपीठ ने इस बात पर जोर दिया कि स्थिति गंभीर और अस्थिर है। बेंच ने अपराधियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने और निर्दोष नागरिकों पर हुए अत्याचारों को रोकने की जरूरत पर बल दिया।

अस्वीकरण: यह न्यूज़ ऑटो फ़ीड्स द्वारा स्वतः प्रकाशित हुई खबर है। इस न्यूज़ में BhaskarHindi.com टीम के द्वारा किसी भी तरह का कोई बदलाव या परिवर्तन (एडिटिंग) नहीं किया गया है| इस न्यूज की एवं न्यूज में उपयोग में ली गई सामग्रियों की सम्पूर्ण जवाबदारी केवल और केवल न्यूज़ एजेंसी की है एवं इस न्यूज में दी गई जानकारी का उपयोग करने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञों (वकील / इंजीनियर / ज्योतिष / वास्तुशास्त्री / डॉक्टर / न्यूज़ एजेंसी / अन्य विषय एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें। अतः संबंधित खबर एवं उपयोग में लिए गए टेक्स्ट मैटर, फोटो, विडियो एवं ऑडिओ को लेकर BhaskarHindi.com न्यूज पोर्टल की कोई भी जिम्मेदारी नहीं है|

Created On :   13 April 2025 1:05 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story