बिहार में बाढ़ से हाल-बेहाल: बिहार में हर साल बाढ़ के लिए कौन जिम्मेदार? नेपाल में लगातार कटते पेड़ कितना बड़ा फैक्टर, जानिए

बिहार में हर साल बाढ़ के लिए कौन जिम्मेदार? नेपाल में लगातार कटते पेड़ कितना बड़ा फैक्टर, जानिए
  • बिहार में बाढ़ से 12 जिले जलमग्न
  • सीएम नीतीश लगातार स्थिति पर बनाए हैं नजर
  • विपक्ष सरकार को घेरने में लगी

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बिहार में बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं। राज्य में इस वक्त कई नदियां उफान पर हैं। जिस वजह से राज्य के कई जिलों में बाढ़ का संकट बना हुआ है। कोसी नदी का भी जलस्तर बढ़ा हुआ है। जिसकी वजह से नदी से सटे कई इलाके जलमग्न हो गए हैं। साउथ बिहार हर साल ही इस नदी के चलते बाढ़ की समस्या झेलता है। लेकिन कई लोगों के जहन में यह सवाल उठते हैं कि बिहार में हर साल बाढ़ की समस्या इतनी क्यों बढ़ जाती है? कई लोगों का ऐसा भी मानना है कि नेपाल की वजह से बिहार में बाढ़ की समस्याएं होती है। ऐसे में आइए जानते हैं बिहार में हर साल बाढ़ क्यों आती है?

बिहार में बाढ़ के लिए क्यों जिम्मेदार नेपाल?

सबसे पहले चर्चा करते हैं बिहार में बाढ़ के लिए लोग नेपाल को क्यों जिम्मेदार ठहराते हैं। आपको बता दें, बिहार के कई जिले नेपाल से सटे हुए हैं। इनमें पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया और किशनगंज शामिल हैं। दरअसल, कोसी, गंडक, बूढ़ी गंडक, कमला बलान, बागमती समेत कई नदियां नेपाल से बहकर बिहार में प्रवेश करती हैं। नेपाल की कुल 7 नदियां कोसी नदी में आकर मिलती है। जिसकी वजह से यहां भयंकर तबाही भरा मंजर हो जाता है। शायद इसलिए कोसी को बिहार का शोक भी कहा जाता है।

बड़े बांध ना होना भी एक बड़ी वजह

कई बड़े जानकारों का मानना है कि कोसी नदी पर कोई बड़ा बांध न होने की वजह से बिहार में बाढ़ से तबाही मचती है। बिहार सरकार और नेपाल के बीच इसे लेकर कई बार चर्चा हो चुकी है। लेकिन इस विषय पर अब तक कोई फैसला नही लिया जा सका। क्योंकि, नेपाल कोसी नदी पर बांध बनाने का हर बार विरोध करता रहता है। उनका कहना है कि कोसी पर बांध बनाने से नेपाल पर्यावरण पर बहुत बुरा असर हो सकता है और बांध बनने की वजह से नेपाल के कई इलाके जलमग्न भी हो सकते हैं।

नेपाल में लगातार हो रही जंगलों की कटाई

जानकारों का यह भी मानना है कि नेपाल में जंगलों की कटाई भी बाढ़ की एक बड़ी वजह है। दरअसल, खेती के लिए नेपाल में बड़े पैमाने पर पेंड़ों की कटाई हुई है। जिसकी वजह से बारिश के मौसम में पानी रूकने की बजाय तेजी से बहकर नीचे की ओर आती है और नदियों में उफान लाती है।

फरक्का बैराज भी बिहार बाढ़ का बड़ा फैक्टर

गंगा नदी पर बना फरक्का बैराज बिहार में बाढ़ की बड़ी वजह माना जाता है। दरअसल, नदियां पानी के साथ-साथ गाद (सिल्ट) भी बहा कर लाती हैं। पहले यह गाद पानी के साथ ही बह जाया करता था। लेकिन इस बैराज की वजह से वह आगे नहीं जा पाता और बैराज के मुहाने पर गाद जमकर बांध को जाम कर देती है। इस वजह से नदियों के पानी को आगे बढ़ने की जगह नहीं मिल पाती है और बाढ़ का रूप ले लेती है।

भ्रष्टाचार भी बड़ा फैक्टर

इसके अलावा बांध बनाने में लगातार हो रहे भ्रष्टाचार भी बाढ़ का एक बड़ा कारण है। हर साल बिहार में बांध को बनाने राज्य सरकार किसी न किसी तरह का बजट पास करती है। लेकिन बांध बारिश के समय बर्बाद हो जाते हैं। हर साल इसी तरह कहानी रिपीट होती है। नतीजा फिर बांध बह जाते हैं। इस बार केंद्र सरकार ने 11,500 करोड़ रुपये का बजट पास किया है। लेकिन अभी तक इस मामले पर किसी भी तरह का एक्शन नहीं लिया गया है। बस बिहार सरकार हर साल की तरह इस साल भी बाढ़ से आए पानी से निपटने में लगी हुई है। विपक्ष सरकार को घेरने में लगे हैं। साथ ही, छोट भैया नेता पानी में उतरकर अपनी राजनीति ठीक करने में लगे हुए हैं।

Created On :   2 Oct 2024 8:54 AM GMT

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