बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट सख्त: जस्टिस गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच ने उठाए गंभीर सवाल, कहा - 'दोषी पाए जाने पर भी नहीं गिराया जा सकता किसी का घर'
- बुल्डोजर एक्शन मामले पर सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई
- जस्टिस गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच ने उठाए सवाल
- सॉलिसिटर जनरल ने म्युनिसिपल कानून के तहत कार्रवाई करने की बात की
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को देश के कई राज्यों में हो रही बुल्डोजर कार्रवाई वाले मामले पर सुनवाई हुई। जस्टिस गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच के सामने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दलीलें पेश कीं। कोर्ट ने कहा कि अगर कोई सिर्फ आरोपी है तो प्रॉपर्टी गिराने की कार्रवाई कैसे की जा सकती है?
वहीं सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि म्युनिसिपल कानून के मुताबिक यह कार्रवाई की गई है। म्युनिसिपल संस्थाओं की ओर से नोटिस देने के बाद ही ये कार्रवाई की गई है। मामले पर जस्टिस विश्वनाथन ने सरकार से विस्तृत जवाब मांगा है। कोर्ट ने सरकार को नोटिस, कार्रवाई और अन्य आरोपों पर सरकार को उत्तर देने के निर्देश दिए हैं।
इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि वो ऐसी किसी संरचना को सुरक्षा मुहैया नही कराएगी जो सार्वजनिक सड़कों या अन्य स्थानों को अवरुद्ध कर रही हो। कोर्ट ने मामले से जुड़े संबंधित पक्षों से सुझाव मांगे हैं जिससे वह पूरे देश में संपत्तियों के ध्वस्त करने की कार्रवाई के संबंध सही दिशा-निर्देश जारी कर सकें। मामले में अगली सुनवाई 17 सितंबर को होगी।
जमीयत-उलेमा-ए-हिंद ने दायर की याचिका
जमीयत उलेमा ए हिंद ने सुप्रीम में याचिका दाखिल कर सरकारी की ओर से आरोपियों के घरों पर मनमाने ढंग से कार्रवाई करने का आरोप लगाया है। याचिका में कहा गया है कि हाल ही में बीजेपी शासित राज्य यूपी, मध्यप्रदेश और राजस्थान में अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जा रहा है और बुलडोजर एक्शन लिया जा रहा है। याचिका में जमीयत उलेमा ए हिंद ने सुप्रीम कोर्ट से 'बुलडोजर न्याय' की प्रवृत्ति पर रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट से शीघ्र सुनवाई की अपील की गई थी।
राज्य सरकारें दे रहीं बुलडोजर एक्शन को बढ़ावा
सरकार द्वारा की जा रही बुल्डोजर कार्रवाई पर जमीयत के वकील फारूक रशीद का कहना है कि अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न करने और उन्हें डराने के लिए राज्य सरकारें घरों और संपत्तियों पर बुलडोजर एक्शन को बढ़ावा दे रही हैं।
एमेनेस्टी इंटरनेशनल की रिपोर्ट के मुताबिक, अप्रैल 2022 से जून 2023 के बीच दिल्ली, असम, गुजरात, मध्यप्रदेश और यूपी में सांप्रदायिक हिंसा के बाद 128 संपत्तियों पर बुलडोजर कार्रवाई की गई। वहीं बीते तीन महीने की बात करें तो तीन बीजेपी शासित राज्य मध्यप्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में बुलडोजर एक्शन हुआ।
Created On :   2 Sept 2024 1:47 PM GMT