हिंडनबर्ग मामला और फैसला: सुको ने सेबी की जांच को उचित ठहराया, कहा SEBI सक्षम एजेंसी, दो आरोपों की जांच के लिए कोर्ट ने दिया वक्त

सुको ने सेबी की जांच को उचित ठहराया, कहा SEBI सक्षम एजेंसी, दो आरोपों की जांच के लिए कोर्ट ने दिया वक्त
  • गौतम अडानी और हिंडनबर्ग मामले में बड़ा फैसला
  • जांच के लिए सेबी एक सक्षम जांच एजेंसी
  • सेबी ने 22 आरोपों की जांच की

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट आज बुधवार को भारतीय अरबपति और अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी और हिंडनबर्ग मामले में बड़ा फैसला सुनाया। सुको ने सेबी की जांच को उचित ठहराया। टॉप कोर्ट ने सेबी को जांच के लिए एक सक्षम जांच एजेंसी माना । न्यायालय ने ये भी कहा कि बाकी बचे दो मामले की जांच के लिए तीन महीने का समय दिया है। आपको बता दें सेबी ने 22 आरोपों की जांच की। आपको बता दें ठीक एक साल पहले 24 जनवरी 2023 को गौतम अडानी के नेतृत्व वाले अडानी ग्रुप पर हिंडनबर्ग रिपोर्ट का बम फूटा था। जिसके चलते उस समय टॉप-3 अमीरों में शामिल गौतम अडानी को भारी नुकसान उठाना पड़ा था। अब एक साल बाद जनवरी के महीने में ही इस मामले पर शीर्ष कोर्ट का फैसला आया है। इस फैसले पर ना केवल अडानी बल्कि उनकी कंपनियों के शेयरों में निवेश करने वाले इन्वेस्टर्स, व्यापारी और राजनेताओं की नजर टिकी हुई थी।

आपको बता दें 24 जनवरी 2023 को अमेरिका की शॉर्ट सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में अडानी की सभी कंपनियों को लेकर एक रिपोर्ट पेश की थी, जिसमें 88 गंभीर आरोप लगाए गए थे। अडानी ग्रुप ने रिपेार्ट को झूठी साजिश बताया था। लेकिन रिपोर्ट का अडानी के निवेशकों पर बुरा असर पड़ा था कि उनके शेयरों में गिरावट देखी गई । अडानी की आय 60 अरब डॉलर तक घट गई थी

माना जा रहा है कि सुको फैसले का सीधा असर शेयर बाजार पर पड़ेगा। शेयर मार्केट में फैसला का सबसे ज्यादा असर अडानी ग्रुप की लिस्टेड कंपनियों के शेयरों पर देखनो को मिलेगा। आपको बता दें टॉप कोर्ट ने बीते साल नवंबर महीने की 24 तारीख को में अडानी और हिंडनबर्ग मामले में अपना फैसला सुरक्षित रखा था, उसके बाद से अड़ानी स्टॉक में तेजी देखने को मिली थी।

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने अडानी-हिंडनबर्ग मामले में सुनवाई करते हुए सेबी और एक्सपर्ट कमिटी की जांच की निष्पक्षता पर उठाए जा रहे सवालों को सिरे से खारिज कर दिया था। शीर्ष कोर्ट ने कहा था कि ऐसा कोई तथ्य नहीं है, जिससे कि सेबी पर संदेह किया जाए। हम बिना ठोस आधार के सेबी पर अविश्वास नहीं कर सकते। सुनवाई के दौरान टॉप कोर्ट ने साफ साफ कहा था कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट को आखिरी सत्य नहीं माना जा सकता है। सुको की इस टिप्पणी और फैसला सुरक्षित रखे जाने के बाद अडानी के शेयरों में तूफानी से तेजी देखने को मिली थी। अडानी के पक्ष में संकेत मिलने लगे थे। हाल ही में नई साल 2024 के मौके पर अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी ने अपने कर्मचारियों को संदेश देते हुए कहा था कि हिंडनबर्ग के आरोपों से नुकसान उठाने के बाद हमने ना केवल जोरदार वापसी की है, बल्कि रिकॉर्ड परिणाम भी दर्ज किए हैं। उन्होंने आगे कहा कि चुनौतियों से भरा रहा बीता साल 2023 बेहद मजबूती के साथ खत्म हुआ।

Created On :   3 Jan 2024 10:53 AM IST

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