प्रयागराज कुंभ 2019 : अब कुंभ मेले में नहीं खोएंगे बच्चे, RFID टेक्नॉलॉजी का होगा इस्तेमाल

UP police is going to provide RFID to reduce chances of missing
प्रयागराज कुंभ 2019 : अब कुंभ मेले में नहीं खोएंगे बच्चे, RFID टेक्नॉलॉजी का होगा इस्तेमाल
प्रयागराज कुंभ 2019 : अब कुंभ मेले में नहीं खोएंगे बच्चे, RFID टेक्नॉलॉजी का होगा इस्तेमाल
हाईलाइट
  • पहली बार किया जा रहा है उपयोग।
  • प्रयागराज कुंभ में होगा Radio Frequency Identification (RFID) तकनीक का इस्तेमाल।
  • शुरुआती दौर में बच्चों और बुजुर्गों के लिए करीब 40 हजार RFID बनेंगी।

डिजिटल डेस्क, प्रयागराज। कुंभ मेले में छोटे बच्चों और बुजुर्गों के साथ पहुंचने वाले लोगों के लिए राहत की खबर है। भीड़ भाड़ के माहौल में वे अपने बच्चों के बिछड़ जाने पर Radio Frequency Identification (RFID) तकनीक की मदद से उनका का पता लगा सकते हैं। 14 से कम उम्र बच्चों को उत्तर प्रदेश पुलिस RFID पत्र उपलब्ध करवाएगी, जिसके माध्यम से बच्चों की लोकेशन ट्रेक की जा सकेगी। प्रयागराज में होने वाला कुंभ में करीब 50 दिन तक चलेगा। बता दें कि प्रयागराज में अर्ध कुंभ 2019 की शुरूआत 15 जनवरी से होने जा रही है। इसमें 12 करोड़ से अधिक श्रध्दालुओं के शामिल होने का अनुमान है। 

उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह के अनुसार शुरुआत में करीब 40 हजार RFID बनेंगी और इसके लिए 15 डिजिटल खोया-पाया केन्द्र भी बनाए गए हैं। सार्वजनिक घोषणा प्रणाली के साथ LED डिस्प्ले की मदद से सूचनाओं को पहुंचाया जाएगा। डीजीपी ने कहा कि RFID में सहयोग वडोफोन-आइडिया दूरसंचार कंपनी कर रही है।

कुंभ में टेक्नॉलॉजी का इस्तेमाल
कुंभ मेले में इस बार टेक्नॉलॉजी का भरपूर उपयोग किया गया है। तमाम टेलिकॉम कंपनीयों ने श्रध्दालुओं को कई सारे ऑफर दिए हैं। एयरटेल ने अपने टीवी एप पर स्पेशल चैनल बनाया, जिस पर श्रध्दालु सभी विधि-विधानों को लाईव देख सकेगें। वहीं जियो ने फ़ोन पर इवेंट से जु़ड़ी जानकारी, बस ट्रनों का स्टेटस, इमर्जेंसी हेल्पलाइन और रूट से संबंधित जानकारी उपलबध कराएगा। साथ ही पहली बार कुंभ मेले में ऑटोमेटिक पहचान प्रणाली का प्रयोग किया गया है, जिसमें गा़ड़ियों की पहचान रंग, नंबर प्लेट, तारीख़ और समय के माध्यम से की जाएगी। 

क्या होती है RFID(Radio Frequency Identification)
RFID एक तरह का वायरलेस संचार है। जिसमें इलेक्ट्रो-मैग्नेटिक और इलेक्ट्रोस्टेटिक कपलिंग का इस्तेमाल होता है। यह किसी एक इलेक्ट्रोमैग्नेटिक स्पेक्ट्रम अंतरगत व्यक्ति या वस्तु की पहचान कर सकता है।

 

 

Created On :   15 Jan 2019 6:21 PM IST

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