शिवपुरी में सिंधिया परिवार की साख दांव पर, यह है सियासी समीकरण

The  political scenario of Shivpuri district of Madhya Pradesh, Election 2018
शिवपुरी में सिंधिया परिवार की साख दांव पर, यह है सियासी समीकरण
शिवपुरी में सिंधिया परिवार की साख दांव पर, यह है सियासी समीकरण
हाईलाइट
  • जिले में बेरोजगारी सबसे बड़ी समस्या है
  • शिवपुरी में सिंधिया परिवार की साख दांव पर
  • शिवपुरी से यशोधरा राजे सिंधिया भाजपा उम्मीदवार हैं

डिजिटल डेस्क, शिवपुरी। मध्य प्रदेश का शिवपुरी जिला कभी सिंधिया वंश का समर कैपिटल हुआ करता था, पर लोकतंत्र की स्थापना के साथ ही यह जिला सियासी समर का का एक गढ़ बन चुका है। एमपी के चुनावी रण में शिवराज सिंह चौहान पूरे मध्य प्रदेश में जनता के बीच पहुंच रहे हैं। वहीं इस महासंग्राम में कांग्रेस भी कहीं पीछे नजर नहीं आ रही है। दोनों ही दलों ने इस चुनावी रण में जीत के लिए एड़ी-चोटी का दम लगा दिया है। वहीं मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले में बुआ-भतीजे यानि की ज्योतिरादित्य सिंधिया और यशोधरा राजे सिंधिया के बीच सीधा मुकाबला है। इस सीट से यशोधरा राजे सिंधिया भाजपा उम्मीदवार हैं, तो कांग्रेस के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया भी अपनी पार्टी के उम्मीदवारों के लिए लगातार प्रचार-प्रसार कर रहे हैं।

शिवपुरी में पांच विधानसभा सीटें
शिवपुरी जिले में पांच विधानसभा सीटें हैं इनमे से शिवपुरी और पोहरी सीट भाजपा के कब्जे में हैं। वहीं करैरा, पिछोर और कोलारस सीट पर कांग्रेस के पास हैं। राजनीति के अलावा शिवपुरी जिला अपने प्राकृतिक सौंदर्य और एेतिहासिक विरासत के लिए भी जाना जाता है। यहां ऐतिहासिक नरवर का किला है, इसके साथ ही माधव नेशनल पार्क भी जिले में ही मौजूद है। इस सबके बावजूद जिले में समस्याओं की लंबी लिस्ट है, जिनके समाधान की राह जिले की जनता सालों से देख रही है।

शिवपुरी में यह हैं मुद्दे
शिवपुरी के ग्रामीण और शहरी दोनों ही इलाकों में पीने का पानी एक बड़ी समस्या है। शहर की जलावर्धन योजना 10 सालों में महज कागजों तक ही सिमटी हुई है। पत्थर की खदाने भी बंद पड़ी हुई हैं, इसके अलावा जिले में कोई अन्य उधोग भी नहीं है। लिहाजा जिले में बेरोजगारी सबसे बड़ी समस्या है। प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य मंत्री रुस्तम सिंह इसी जिले से ताल्लुर रखते हैं फिर भी जिला अस्पताल का आईसीयू पिछले दो सालों से बंद पड़ा हुआ है। जिले के कई इलाकों में सीवर योजना भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुकी है। 60 करोड़ के इस प्रोजेक्ट की कीमत 110 करोड़ हो गई है।
 

Created On :   22 Nov 2018 10:01 AM IST

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