शिवसेना की भाजपा पर चुटकी- कांग्रेस मुक्त भारत नहीं, कई राज्य भाजपा मुक्त हो गए
डिजिटल डेस्क, मुंबई। झारखंड में बीजेपी को करारा झटका लगा है। राज्य की 81 विधानसभा सीटों में से भाजपा के खाते में महज 25 सीट आई। हेमंत सोरेन की अगुवाई वाले झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस और आरजेडी के महागठबंधन ने जीत हासिल की है। बीजेपी के लिए चुनाव काफी शर्मनाक साबित हुआ। सत्ता तो हाथ से गई, वहीं मुख्यमंत्री रघुवर दास अपनी सीट भी नहीं बचा पाए। ऐसे में भाजपा की सहयोगी पार्टी रही शिवसेना ने चुटकी ली है। शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में लिखा है कि बीजेपी ने झारखंड भी गंवा दिया।
सामना में लिखा है, "झारखंड भी भाजपा के हाथ से निकल गया। पहले महाराष्ट्र गया और अब झारखंड गया। महाराष्ट्र और झारखंड की तुलना नहीं की जा सकती। हालांकि भाजपा ने एक राज्य और गवां दिया। प्रधानमंत्री और गृहमंत्री सहित पूरे केंद्रीय मंत्रिमंडल को वहां लगाने के बावजूद भाजपा झारखंड में नहीं जीत पाई। झारखंड मुक्ति मोर्चा के हेमंत सोरेन अब मुख्यमंत्री बनेंगे। जेएमएम, कांग्रेस और आरजेडी के गठबंधन को बहुमत मिलेगा, ये स्पष्ट हो चुका है। इस गठबंधन में सबसे ज्यादा सीटें झारखंड मुक्ति मोर्चा को मिली हैं।"
सामना में लिखा है कि कांग्रेस ने दो अंकों वाला आंकड़ा छू लिया है। भाजपा के नेता कांग्रेस मुक्त हिंदुस्तान की घोषणा कर रहे थे, लेकिन अब कई राज्य भाजपा मुक्त हो गए। मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान जैसे बड़े राज्य भाजपा पहले ही गंवा चुकी है। एक महीना पहले हरियाणा में विधानसभा चुनाव संपन्न हुए। वहां कांग्रेस ने जोरदार जीत दर्ज की। बीजेपी की सत्ता वहां से भी लगभग समाप्त हो चुकी थी, लेकिन जिस दुष्यंत सिंह के विरोध में चुनाव लड़ा, उसी का सहारा लेकर जैसे-तैसे सत्ता बचाई। महाराष्ट्र में कांग्रेस-एनसीपी सरकार शिवसेना के नेतृत्व में बनी।
सामना में आगे लिखा है कि पूर्वोत्तर राज्यों में भी भाजपा पहुंची। त्रिपुरा और मिजोरम तक उनके झंडे लहराए, लेकिन आज ऐसी स्थिति है कि अगर त्रिपुरा में चुनाव कराए जाएं तो जनता भाजपा की सत्ता उखाड़ फेंकेगी। नागरिकता संशोधन कानून के मुद्दे पर सबसे ज्यादा हिंसा त्रिपुरा में हुई और भाजपा सरकार उसे रोकने में असफल साबित हुई। ऐसा पूरे देश में होता दिखाई दे रहा है। झारखंड में मोदी और शाह ने सभाएं लीं। मोदी के नाम पर वोट मांगे। गृहमंत्री शाह के झारखंड में हुई प्रचार सभाओं के भाषणों को जांचा जाए तो ये साफ है कि वहां सीधे-सीधे हिंदू-मुसलमान में मतभेद कराने का प्रयास था। भाजपा एक के बाद एक राज्य गंवाती जा रही है। अब झारखंड भी गंवा दिया। ऐसे क्यों? इस पर विचार करने की उनकी मानसिकता नहीं है। जनता को हल्के में लेंगे तो और क्या होगा।
Created On :   24 Dec 2019 3:44 AM GMT