सोनिया के नेतृत्व में राष्ट्रपति से मिले विपक्षी नेता, नागरिकता एक्ट को वापस लेने की अपील
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के नेतृत्व में विपक्षी नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद से मुलाकात की। नागरिकता संशोधन एक्ट के खिलाफ देशव्यापी विरोध प्रदर्शनों के मद्देनजर यह मुलाकात की गई। इस प्रतिनिधिमंडल में 12 दलों के नेता शामिल थे। सभी दलों से राष्ट्रपति से सरकार को नागरिकता एक्ट वापस लेने की सलाह देने की अपील की।
इस मुलाकात के बाद सोनिया गांधी ने मीडिया से बात करते हुए कहा, "पूर्वोत्तर में एक्ट के चलते जो स्थिति उतपन्न हुई है वो राजधानी सहित पूरे देश में फैल रही है। यह बहुत ही गंभीर स्थिति है, हमें डर है कि यह आगे भी फैल सकती है।" सोनिया ने कहा, "जिस तरह से पुलिस शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने वाले लोगों से निपट रही है, उससे हम आहत हैं।" उन्होंने कहा, "हमारे पास दिल्ली में एक उदाहरण है जहां पुलिस ने जामिया महिला छात्रावास में प्रवेश किया और उन्हें बाहर निकाला गया। छात्रों को बेरहमी से पीटा गया। मोदी सरकार जनता की आवाज दबा रही है।"
बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएबी) को लेकर बीते कई दिनों से दिल्ली की जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं। रविवार को ये प्रदर्शन उग्र हो गया था। पुलिस कार्रवाई में कई छात्र बुरी तरह से जख्मी भी हो गए थे। जामिया यूनिवर्सिटी के चीफ प्रॉक्टर वसीम रिजवी ने पुलिस पर आरोप लगाया था कि पुलिस ने कैंपस में जबरन घुसकर छात्रों के साथ बर्बरता की। उन्होंने कहा था कि यूनिवर्सिटी की प्रॉपर्टी को भी भारी नुकसान पहुंचाया गया है। हम प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचाने और छात्रों के खिलाफ पुलिस एक्शन के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराएंगे।
नागरिकता एक्ट के जरिए पड़ोसी तीनों देशों पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में धार्मिक उत्पीड़न का सामना कर रहे अल्पसंख्यक समुदायों (हिंदू, बौद्ध, जैन, पारसी, ईसाई और सिख) से ताल्लुक़ रखने वाले लोगों को भारतीय नागरिकता मिल सकेगी। इन लोगों को नागरिकता के लिए भारत में कम से कम 6 साल बिताने होंगे। पहले नागरिकता देने का पैमाना 11 साल से अधिक था।
Created On :   17 Dec 2019 2:01 PM GMT