जिनके नाम पर अलीगढ़ में बनने जा रहा है राज्य-स्तरीय विश्वविद्यालय
- राजा महेंद्र प्रताप सिंह को विस्तार से जानिए
डिजिटल डेस्क, अलीगढ़। एक लंबे इंतजार के बाद 14 सितंबर 2021 को राजा महेंद्र प्रताप के नाम पर बन रहे विश्वविद्यालय का शिलान्यास होने जा रहा है। आपको बता दें कि आखिर राजा महेंद्र प्रताप के नाम पर यह विश्वविद्यालय क्यों बनने जा रहा है।
राजा महेंद्र प्रताप ने एएमयू के लिए भूमि दान दी थी लेकिन एएमयू अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में कहीं भी महेंद्र प्रताप का नाम अंकित नहीं है। जिसके कारण अलीगढ़ में एएमयू का नाम बदलने की मांग होते रहती है। लेकिन यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस समस्या का हल निकाल लिया है। सरकार ने 2019 में एएमयू के विषय में जनता को जवाब देते हुए कहा था कि राज्य में जाट राजा महेंद्र प्रताप के नाम पर राज्य स्तरीय विश्वविद्यालय बनाया जाएगा। सीएम ने 14 सितंबर 2019 को विश्वविद्यालय बनाने की घोषणा की थी। जिसके बाद अब पीएम मोदी 14 सितंबर 2021 को राजा महेंद्र प्रताप के नाम पर बन रहे विश्वविद्यालय का शिलान्यास करेंगे।
इस विश्वविद्यालय को बनाने के लिए जिला प्रशासन 37 हेक्टेयर से अधिक जमीन देगा, साथ ही 10 हेक्टेयर जमीन भी इसके लिए अधिग्रहित की गई थी। विश्वविद्यालय के निर्माण के लिए कोल तहसील के लोढ़ा और मुसईपुर गांवों में जमीन प्रस्तावित की गई है। सबसे पहले साल 2018 में राजा महेंद्र प्रताप के नाम पर विश्वविद्यालय की मांग उठी थी, जिसके बाद हरियाणा में बीजेपी नेताओं ने जाट राजा के नाम पर एएमयू का नाम बदलने की मांग की थी। उस दौरान नेताओं ने इस बात पर जोर दिया था कि राजा महेंद्र प्रताप ने एएमयू के निर्माण के लिए भूमि दान दी थी लेकिन एएमयू केकिसी भी कोने में राजा महेंद्र प्रताप के नाम का जिक्र नहीं हुआ है। इन सबके पहले स्थानीय नेताओं ने एएमयू के नाम परिवर्तन या महेंद्र प्रताप के नाम पर दूसरा विश्वविद्यालय बनाने की मांग रखी थी।
एक सभा के दौरान योगी आदित्यनाथ ने महेंद्र प्रताप के विषय में जिक्र करते हुए कहा था कि राजा महेंद्र प्रताप ने ब्रिटिश शासन को चुनौती दी थी, वह अलीगढ़ के राजा थे, बाद में उन्होंने अफगानिस्तान जाकर आजाद हिंद फौज संघ की स्थापना की थी। इन सबके बाद 2019 में योगी आदित्यनाथ ने अलीगढ़ में विश्वविद्यालय निर्माण का भरोसा दिलाया था। सरकार ने विश्वविद्यालय निर्माण के घोषण के बाद निर्माण में तेजी लाने के लिए आदेश पारित किया है कि साल 2022 तक विश्वविद्यालय बनकर तैयार हो जाए।
कौन थे महेंद्र प्रताप?
जाट राजा महेंद्र प्रताप सिंह का जन्म 1 दिसंबर 1886 को मुरसान के जाट राज परिवार में हुआ था। इनकी शुरूआती शिक्षा और पालन पोषण वृंदावन में हुई थी। राजा महेंद्र ने अपनी कॉलेज की पढ़ाई अलीगढ़ के मोहम्मडन एंग्लो ओरियंटल कॉलेज से किया था। जिसे अब एएमयू के नाम से जाता हैं। राजा महेंद्र ने एमए की परीक्षा में प्रथम श्रेणी से पास हुए थे।
शिक्षा समाप्त होने के बाद राजा महेंद्र जब देश भ्रमण के लिए निकले, तब उन्हें देश और देशवासियों की जमीनी तौर पर स्थिति का जायजा लिया और उन्हें पता चला की देश में अंग्रेज शासक कैसे देशवासियों पर अत्याचार कर रहे हैं। जिसके बाद महेंद्र प्रताप ने अंग्रेजी शासन को चुनौती दी थी और 31 साल तक रूस, चीन, स्विटजरलैंड, जापान, यूरोप, अमेरिका, तुर्की, जर्मनी इन देशों में घुम - घुम कर देश की आजादी की मांग कर रहे थे। जिसके बाद महेंद्र प्रताप अंग्रजी शासन के नजर में आ गए, तब अंग्रेज सरकार ने महेंद्र प्रताप को राजद्रोही घोषित कर उनकी सभी संपत्ति जब्त कर ली। दिसंबर 1915 में महेंद्र प्रताप ने अफगानिस्तान में अपनी अध्यक्षता में भारत की अस्थायी सरकार बनाई थी।
अगस्त 1945 में महेंद्र प्रताप भारत लौटे, जिसके बाद 1957 के लोकसभा चुनाव में मथुरा से अटल बिहारी वाजपेयी को हराकर वे लोकसभा के निर्दलीय सदस्य बन गए थे। वे "भारतीय स्वाधीनता सेनानी संघ" तथा "अखिल भारतीय जाट महासभा" के भी अध्यक्ष रहे थे। केंद्र सरकार ने उनकी स्मृति में डाक टिकट भी जारी किया था।
Created On :   7 Sept 2021 11:27 AM GMT