आतंकी शिविरों पर रखी जा सकेगी और पैनी नजर, 22 मई को लॉन्च होगा सैटेलाइट RISAT-2BR1

ISRO to launch its latest radar imaging satellite Risat-2BR1 on May 22
आतंकी शिविरों पर रखी जा सकेगी और पैनी नजर, 22 मई को लॉन्च होगा सैटेलाइट RISAT-2BR1
आतंकी शिविरों पर रखी जा सकेगी और पैनी नजर, 22 मई को लॉन्च होगा सैटेलाइट RISAT-2BR1

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत को अंतरिक्ष में एक और "आंख" मिलने वाली है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) 22 मई को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से अपने नवीनतम रडार इमेजिंग सैटेलाइट RISAT-2BR1) को लॉन्च करेगा। RISAT-2BR1 पिछले रिसैट-श्रृंखला सैटेलाइट की तुलना में बहुत अधिक उन्नत है। RISAT को पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (PSLV-C46) अंतरिक्ष में लेकर जाएगा।

इसरो के एक सूत्र ने कहा, "इसका प्रक्षेपण 22 मई को होने वाला है। नया सैटेलाइट बाहर से पुराने सैटेलाइट जैसा ही दिखता है। हालांकि इसका कॉन्फ़िगरेशन पहले लॉन्च किए गए सैटेलाइट से अलग है। नए सैटेलाइट में निगरानी और इमेजिंग क्षमताओं को बढ़ाया गया है। रिसैट के एक्स-बैंड सिन्थेटिक एपर्चर रडार (एसएआर) में दिन-रात के साथ-साथ सभी मौसम में निगरानी क्षमता होती है। रडार बादलों में तस्वीरें ले सकता है और 1 मीटर के रिज़ॉल्यूशन तक ज़ूम कर सकता है (इसका मतलब है कि यह दो वस्तुओं के बीच 1 मीटर की दूरी से अंतर कर सकता है)।

सूत्र ने कहा, "रिसैट सैटेलाइट दिन में कम से कम 2 से 3 बार पृथ्वी पर किसी इमारत या किसी वस्तु की तस्वीरें ले सकता है", इसलिए, यह पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में जिहादी आतंकी शिविरों की गतिविधियों पर और एलओसी पर आतंकी लॉन्चपैड पर मौजूद घुसपैठियों पर नजर रखने में मदद कर सकता है।

नया इमेजिंग सैटेलाइट भारतीय सुरक्षा बलों की सभी मौसम में निगरानी क्षमताओं को बढ़ाएगा और भारतीय सीमाओं के आसपास किसी भी संभावित खतरे का पता लगाने में मदद करेगा। ये सैटेलाइट समुद्र में जहाजों को भी ट्रैक कर सकता है, इसका उपयोग हिंद महासागर में चीनी नौसेना के जहाजों और अरब सागर में पाकिस्तानी युद्धपोतों पर नज़र रखने के लिए किया जा सकता है। पुराने रिसैट श्रृंखला के सैटेलाइट के चित्र 2016 में की गई सर्जिकल स्ट्राइक और इस साल पाकिस्तान के बालाकोट में जैशकैंप पर हवाई हमले की योजना बनाने के लिए इस्तेमाल किए गए थे। रिसैट ने आपदा प्रबंधन की ISRO की क्षमता को भी बढ़ाया है।

2008 में मुंबई में 26/11 के आतंकी हमलों के बाद, रिसैट -2 सैटेलाइट जिसमें इजरायल में निर्मित किया गया आधुनिक रडार सिस्टम था, को सुरक्षा बलों की निगरानी क्षमताओं को बढ़ावा देने के लिए 20 अप्रैल, 2009 में लॉन्च किया गया था। 536 किमी की ऊंचाई से, उपग्रह 24x7 भारतीय सीमाओं की निगरानी करता है और सुरक्षा एजेंसियों को घुसपैठियों पर नज़र रखने में मदद करता है। सिन्थेटिक एपर्चर रडार पारंपरिक बीम-स्कैनिंग रडार की तुलना में फाइनर स्पेशियल रिजोल्यूशन प्रदान करने के लिए एक टार्गेट एरिया पर रडार एंटीना के मोशन का उपयोग करता है।

Created On :   6 May 2019 6:27 PM IST

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