Warning: सरकार की ट्विटर को चेतावनी, केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख की लोकेशन चीन में दिखाई थी
- सरकार ने ट्विटर के सीईओ जैक डोरसी को चेतावनी भरा पत्र लिखा
- पत्र में केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख की लोकेशन चीन में दिखाने पर भारत ने कड़ी आपत्ति जताई
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सरकार ने ट्विटर के सीईओ जैक डोरसी को एक चेतावनी भरा पत्र लिखा है। इस पत्र में केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख की लोकेशन चीन में दिखाने पर भारत ने कड़ी आपत्ति जताई है और ट्विटर के सीईओ से संवेदनशीलता से काम करने को कहा है। आईटी सचिव अजय साहनी की ओर से लिखे पत्र में कहा गया है कि देश की संप्रभुता और अखंडता का अनादर करने का कोई भी प्रयास पूरी तरह से अस्वीकार्य है। बता दें कि ट्विटर ने 18 अक्टूबर को अपने प्लेटफॉर्म पर लेह की जियो टैग लोकेशन को चीन में दिखाया था इस मामले को लेकर ट्विटर इंडिया ने कहा कि हम रविवार को आई इस तकनीकी दिक्कत से अवगत हैं. हम इसके संवेदनाओं को समझते हैं और उनका सम्मान करते हैं। दिक्कत को सही करने के लिए टीम तेजी से काम कर रही है और जियोटैग के मसले का जल्द ही हल निकाल लिया जाएगा।
दरअसल, माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर ने लोकेशन को लेकर बड़ी गलती करते हुए जम्मू-कश्मीर को चीन का हिस्सा बता दिया था। ट्विटर की इस हरकत के बाद सोशल मीडिया पर खूब बवाल मचा। ट्विटर इंडिया ने लाइव लोकेशन (जियो टैग) में जम्मू-कश्मीर को चीन का हिस्सा दिखाने पर भारत के लोगों ने सोशल मीडिया पर अपना गुस्सा जाहिर किया।
लेह के युद्ध स्मारक हॉल ऑफ फेम से ट्विटर पर लाइव होने के बाद इस मुद्दे को सबसे पहले राष्ट्रीय सुरक्षा विश्लेषक नितिन गोखले ने ध्यान में लाया। इस दौरान उन्होंने जो देखा, वो वाकई हैरान करने वाला था। गोखले ट्विटर पर लाइव होकर लोगों को हिमाचल प्रदेश से एक नए रास्ते से लद्दाख पहुंचने के अपने अनुभव के बारे में बताने लगे। कार्यक्रम को पूरा करने के बाद, उन्होंने पाया कि युद्ध स्मारक के स्थान को पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के रूप में दिखाया गया था।
साहनी ने अपने पत्र में ट्विटर को याद दिलाया है कि लेह केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख का मुख्यालय है। पत्र में कहा गया है कि लद्दाख और जम्मू-कश्मीर दोनों भारत के अभिन्न और अविभाज्य अंग हैं तथा भारत के संविधान से प्रशासित हैं। भारत सरकार ने ट्विटर को भारतीय नागरिकों की संवेदनशीलता का सम्मान करने को कहा है। आईटी सचिव साहनी ने कहा कि इस तरह का कोई भी प्रयास ना सिर्फ ट्विटर की प्रतिष्ठा को कम करता है, बल्कि यह एक माध्यम होने के नाते ट्विटर की निष्पक्षता को भी संदिग्ध बनाता है।
Created On :   22 Oct 2020 2:39 PM IST