महाकुंभ 2025: त्रिवेणी संगम पर जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य ने किया अमृत स्नान, जानिए अमृत स्नान का महत्व

त्रिवेणी संगम पर जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य  ने किया अमृत स्नान, जानिए अमृत स्नान का महत्व
  • 13 जनवरी से शुरू हुआ महाकुंभ का मेला
  • आज यानी 14 जनवरी को है पहला अमृत स्नान
  • अमृत स्नान का महत्व है काफी खास

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। महाकुंभ का आज पहला अमृत स्नान है। जिसके चलते महाकुंभ मेले में काफी ज्यादा भीड़ देखने को मिल रही है। इस बीच उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में हो रहे महाकुंभ मेले में जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य मकर संक्रांति के अवसर पर महाकुंभ में त्रिवेणी संगम पर अमृत स्नान करने के लिए पहुंचे। जहां उनको काफी भीड़ घेरे हुए नजर आई।

शाही स्नान करने के बाद जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य ने कहा, "मैं बहुत प्रसन्न हूं क्योंकि सभी आचार्यों में सबसे पहला शाही स्नान मेरा हुआ। सरकार की व्यवस्था से मैं बहुत प्रसन्न हूं। इतनी बड़ी भीड़ को सरकार ने नियंत्रित किया। सरकार बहुत साधुवाद की पात्र है।"

अमृत स्नान का महत्व

बता दें कि, इस बार के महाकुंभ में तीन बार अमृत स्नान होने वाला है। जिसमें पहला अमृत स्नान आज यानी 14 जनवरी है। वहीं, दूसरा अमृत स्नान 29 जनवरी (मौनी अमावस्या) और तीसरा अमृत स्नान (3 फरवरी को होने वाला है। इसे शाही स्नान के तौर भी जाना जाता है।

अमृत, राजसी या शाही स्नान का विशेष महत्व और सांस्कृतिक पृष्ठभूमि के तौर पर भी काफी महत्व होता है। यह स्नान सबसे पहले नागा साधु करते है। वे हाथी, घोड़े और रथ पर सवार होकर ठाट-बाट के साथ स्नान करने आते हैं। वहीं, एक अन्य मान्यता के मुताबिक, मध्यकाल में राजा-महाराजा, साधु-संतों के साथ भव्य जुलूस लेकर स्नान करने आते थे। इसी परंपरा ने अमृत स्नान (अमृत स्नान) की शुरुआत की।

मान्यता यह भी है कि महाकुंभ का आयोजन सूर्य और गुरु जैसे ग्रहों की विशिष्ट स्थिति को ध्यान में रखकर किया जाता है। ग्रहों की चाल के आधार पर कुछ विशेष तिथियां पड़ती हैं। इन विशेष तिथियों पर पवित्र स्नान करने से आध्यात्मिक शुद्धि, पापों का प्रायश्चित, पुण्य और मोक्ष्य प्राप्ति होती है। इसलिए भी इन तिथियों पर होने वाले स्नान को अमृत स्नान कहा जाता है।

तैयारियां भी खास

कुंभ मेला सनातन धर्म का सबसे बड़ा और सबसे पवित्र धार्मिक आयोजन है। यह हर 12 साल एक बार होता है। प्रयागराज में 13 जनवरी से जारी महाकुंभ 144 वर्ष बाद आया है, जो कि 26 फरवरी तक चलेगा। महाकुंभ मेले को लेकर 13000 से अधिक स्पेशल ट्रेन जलाई जा रही है। ऐसे करने से देश हर कोने से प्रयागराज तक की कनेक्टिविटी बढ़ेगी। साथ ही, सुरक्षा व्यवस्था भी महाकुंभ मेले को लेकर कड़ी नजर आ रही है।

Created On :   14 Jan 2025 3:00 PM IST

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