'नाम से हीरो-काम से विलेन'- जानिए दशक के सबसे खतरनाक तूफान 'बिपरजॉय' को कैसे मिला यह नाम

नाम से हीरो-काम से विलेन- जानिए दशक के सबसे खतरनाक तूफान बिपरजॉय को कैसे मिला यह नाम

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अरब सागर से उठा चक्रवाती तूफान बिपरजॉय विकराल रूप ले चुका है। मौसम विभाग की भविष्यवाणी के मुताबिक यह 13 से 15 जून तक भारत की पश्चिमी तट पर टकरा सकता है। वहीं इस तूफान का असर भी अब देश तटीय राज्यों में दिखने लगा है। गुजरात से लेकर केरल के समुद्र में ऊंची लहरें उठनी शुरू हो गई हैं। तूफान को खतरनाक होते देख प्रशासन भी अलर्ट मोड पर आ गया है। तटीय इलाकों में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें तैनात कर दी हैं। साथ ही लोगों को समुद्र किनारे न जानें की हिदायत भी दी गई है। तूफान जितना खतरनाक है उतना ही दिलचस्प इस तूफान का नाम है। जो सुनने में किसी बांगला भाषी किरदार का नाम सा लगता है। ये नाम कई लोगों को बॉलीवुड के क्लासिक ईरा के सुपरस्टार जॉय मुखर्जी की भी याद दिला रहा है। जिसे सुनकर लोग ये जरूर जानना चाहते हैं कि इस खतरनाक तूफान को ये नाम कैसे मिला?

कैसे पड़ा बिपरजॉय नाम?

इस खतरनाक चक्रवाती तूफान का नाम सुनने में बॉलीवुड और बंगाली फिल्मों के हीरो जैसा लगता है लेकिन क्या आप जानते हैं इसे यह दिलचस्प नाम कैसे मिला। दरअसल, बिपरजॉय एक बांग्ला भाषा का शब्द है जिसका अर्थ 'आपदा' होता है। इसका नामकरण बांग्लादेश द्वारा किया गया है। इस चक्रवात के भारत के पश्चिमी तट से टकराने के समय तक और खतरनाक रूप धारण करने की आशंका है। ऐसे में इसकी इसी प्रकृति को देखते हुए इसे बिपरजॉय नाम दिया गया है।

कैसे और क्यों दिया जाता है नाम?

इस चक्रवात का नाम विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्ल्यूएमओ) द्वारा जारी किए गए आदेश के अनुसार रखा गया था। दरअसल, जब एक ही स्थान पर कई तूफान सक्रिय हो जाते हैं तो उन्हें पहचानने में या उनके बारे में भविष्यवाणी करने में कोई भ्रम की स्थिति पैदा न हो, इससे बचने के लिए चक्रवातों का नामकरण किया जाता है। यह नाम डब्ल्यूएमओ के निर्देशों के मुताबिक दिए जाते हैं।

डब्ल्यूएमओ के मुताबिक प्रत्येक चक्रवात संगठन की ओर से दिए गए अल्फाबेटिकल नाम से पहचाना जाता है। ये नाम सदस्य देशों की ओर दिए जाते हैं। इस बार चक्रवात का नाम देने की जिम्मेदारी बांग्लादेश की थी। वैसे तो विश्व में 1953 से तूफानों के नामकरण की शुरुआत हुई लेकिन हिंद महासागर में भारत की पहल पर 8 देशों ने इसकी शुरुआत की। ये देश हैं, भारत, बांग्लादेश, मालदीव, म्यांमार, ओमान, पाकिस्तान, थाईलैंड और श्रीलंका। बाद में 5 और देश ईरान, कतर, सउदी अरब, यूएई और यमन को इसमें जोड़ा गया। अब जब भी महासागरीय क्षेत्र में कोई तूफान आने की आशंका बनती है तो ये सभी 13 देशों को क्रमानुसार इनके नाम देने होते हैं।

भारत समेत सभी 13 सदस्य देशों ने तूफानों के नामों की लिस्ट बनाकर विश्व मौसम विज्ञान संगठन को सौंपी है। जब इन देशों में कहीं पर तूफान आनता है तो उन्हीं नामों में से क्रमानुसार नाम को चुना जाता है। इस बार नाम देने की जिम्मेदारी बांग्लादेश की थी, इस वजह से उसके द्वारा दिए गए सुझाव पर तूफान का नाम बिपरजॉय रखा गया था।

Created On :   12 Jun 2023 7:06 PM IST

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