नए वैरिएंट की एंट्री: क्या लौट आया कोरोना? संक्रमण के नए वेरिएंट जेएन.1 ने बढ़ाई वैज्ञानिकों की चिंता, जानिए क्या हैं लक्षण
- कोरोना के नए वैरिएंट की एंट्री
- वैज्ञानिकों की बढ़ी मुसीबत
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। साल 2019 में आए कोरोना ने देश ही नहीं पूरी दुनिया में कोहराम मचा कर रख दिया था। अब एक बार फिर से ऐसी आशंकाएं जताई जा रही हैं कि यह भविष्य में खतरनाक रूप लेकर वापसी कर सकता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिका में कोविड-19 का नया वेरिएंट मिला है, जिसे लेकर स्वास्थ्य विभाग और पूरी दुनिया के वैज्ञानिक एक बार फिर से चिंता में पड़ गए हैं। संभावनाएं जताई जा रही हैं कि यह पहले से भी ज्यादा तेजी से फैलेगा साथ ही इस संक्रमण पर वैक्सीनेशन का कोई असर नहीं होगा।
कोराना वायरस के नए वेरिएंट का नाम जेएन.1 है जो सितंबर महीने में पहचान की गई थी। अमेरिका से शुरू होते हुए ये वेरिएंट अब तक 11 देशों में फैल चुका है। एक मीडिया रिपोर्ट्स में सेंटर्स फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन यानी सीडीसी के हवाले से बताया गया है। जीएन.1 को बीए.2.86 वेरिएंट या पिरौला का वंश कहा जा रहा है।
कोरोना का नया वेरिंएट दुनिया के लिए बनेगा मुसीबत?
पिरौला कोराना वायरस के ओमिक्रॉन स्ट्रेन का म्यूटेटेड वेरिएंट था। साल 2021 में इस वेरिएंट की पहचान की गई थी। इसके संक्रमण के मरीज अमेरिका, ब्रिटेन, चीन और यूरोप के कई हिस्सों में मिले थे। रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि बीए 2.86 और जेएन.1 में सिर्फ स्पाइक प्रोटीन का एक ही बदलाव हुआ है। वैज्ञानिकों की रिसर्च में पाया गया है कि ये वायरस सतह पर नजर आने वाले नुकीले स्पाइक्स, किसी इंसान को संक्रमित करने में बड़ी भूमिका निभाते हैं।
वैज्ञानिकों का कहना है कि कोविड-19 की 2023-24 की अपडेट सामने आई है और ये बीए.2.86 के खिलाफ काम कर रहीं व वैक्सीन नए वेरिएंट पर पूरी तरह असरदार रहेगी। इस वेरिएंट को लेकर को राहत भरी ये खबर है कि ये अब तक जेएन.1 और बीए.2.86 दोनों ही कॉमन या सामान्य नहीं हैं। संक्रमित मरीजों में जेएन.1 कम ही देखा जा रहा है।
क्या हैं लक्षण
सीडीसी के मुताबिक, जेएन.1 के लक्षण में बुखार, ठंड लगना, खांसी, सांस लेने में परेशानी, थकान, मांसपेशियों में दर्द, सिरदर्द, स्वाद या सूंघने की शक्ति पर असर, गले में खराश, नाक बहना, उलटी होना और दस्त शामिल हैं।
Created On :   8 Nov 2023 3:42 PM IST