कैसे बने पक्के मकान और फार्म हाउस, हिंडन और यमुना के डूब क्षेत्र का होगा एरियल सर्वे
- यमुना और हिंडन नदी में आई बाढ़ के चलते आसपास के निचले इलाके लबालब पानी से भरे हुए हैं
- काफी ज्यादा मशक्कत करके लोगों को रेस्क्यू करना पड़ रहा है
- हिंडन करीब दस से अधिक गांवों को प्रभावित कर चुकी है
डिजिटल डेस्क, नोएडा। यमुना और हिंडन नदी में आई बाढ़ के चलते आसपास के निचले इलाके लबालब पानी से भरे हुए हैं। जिला और पुलिस प्रशासन समेत एनडीआरएफ की टीम को काफी ज्यादा मशक्कत करके लोगों को रेस्क्यू करना पड़ रहा है।
26 जुलाई को नोएडा अथॉरिटी के नए सीईओ और जिला अधिकारी गौतमबुद्धनगर ने सभी जगहों का निरीक्षण किया था। उन्होंने आदेश दिया कि यमुना और हिंडन में पड़ने वाली सभी जगहों का एरियल सर्वे कराया जाएगा। यह भी सवाल उठाया गया है कि यहां पर पक्के निर्माण कैसे हो गए, इसकी भी जांच होगी।
हिंडन के डूब क्षेत्र में बने सैकड़ों घरों से हजारों लोग पलायन कर रहे हैं। नदी का अस्तित्व संकट में डालकर महज 5 से 8 हजार प्रति वर्गमीटर के हिसाब से भूमाफियाओं ने जमीन बेची। अब यहां निवास कर रहे लोगों पर संकट है। हिंडन नदी का जलस्तर बढ़ा तो सैकड़ों घरों के अंदर पानी भर गया।
नोएडा के चोटपुर, हैबतपुर, सोरखा, कुलेसरा पुश्ता, सुत्याना में जलभराव की स्थिति है। यहां से 1,000 लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थान पर भेजा गया। सभी को नोएडा के सेक्टरों में बने शेल्टर होम में शरण दी गई।
डीएम मनीष वर्मा ने बताया कि हिंडन और यमुना के जलस्तर में थोड़ा सुधार है। बुधवार को यमुना में 44086 क्यूसेक पानी बह रहा था, जो मंगलवार की तुलना में 28 हजार क्यूसेक तक कम हो गया था। ओखला बैराज पर यमुना का जलस्तर 198.15 मीटर मापा गया।
हिंडन की बात करें तो करीब दस से अधिक गांवों को प्रभावित कर चुकी इस नदी के जलस्तर में भी करीब दो हजार क्यूसेक पानी की गिरावट दर्ज हुई है। हिंडन का जलस्तर 201.15 मी. दर्ज किया गया।
सीईओ लोकेश एम ने बताया कि डूब क्षेत्र में किसी प्रकार का पक्का निर्माण नहीं हो सकता। यहां मकानों की रजिस्ट्री हुई है। ये कैसे हो गई। इसके लिए प्लाट वार रिपोर्ट मांगी गई है। रजिस्ट्री विभाग के साथ बैठक की जाएगी। जिसमें उन दस्तावेजों को देखा जाएगा, जो निर्माण के पहले के हैं।
उन्होंने बताया कि दोनों स्थानों का एरियल सर्वे कराया जाएगा। जिससे वास्तविक स्थिति का पता लगाया जा सके। इसके बाद एक्शन लिया जाएगा। डूब क्षेत्र की जमीन सिंचाई विभाग की है। लेकिन, प्राधिकरण अधिसूचित होने के चलते निगरानी का काम नोएडा प्राधिकरण का था। इसके लिए सिंचाई विभाग, नोएडा प्राधिकरण और जिला प्रशासन की संयुक्त टीम बनाई जाएगी। टीम सर्वे करके रिपोर्ट देगी। उन्होंने बताया कि हाईकोर्ट के आदेश में जिन लोगों के प्रतिवेदन आए हैं, उनका निपटारा किया जाएगा।
(आईएएनएस)
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Created On :   28 July 2023 3:41 PM IST