कनेक्शन: राम मंदिर को लेकर खुश है दक्षिण कोरिया का एक विशेष समुदाय, जानिए इसके पीछे की दिलचस्प कहानी

राम मंदिर को लेकर खुश है दक्षिण कोरिया का एक विशेष समुदाय, जानिए इसके पीछे की दिलचस्प कहानी
  • अयोध्या में राम मंदिर बनने से खुश है दक्षिण कोरिया का एक समुदाय
  • इस समुदाय का अयोध्या से है पुराना नाता
  • जानिए क्या है दक्षिण कोरिया का अयोध्या से कनेक्शन

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दक्षिण कोरिया के एक समुदाय के लोगों का अयोध्या से खास रिश्ता है। इसलिए अयोध्या के राम मंदिर में जब रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा हुई तो कोरिया के विशेष समूह में खुशी की लहर दौड़ गई। इन लोगों के मन में भी अयोध्या को लेकर श्रद्धा भाव है। दरअसल, कोरिया में एक दंतकथा काफी प्रचलित है जिसमें अयोध्या का जिक्र है।

क्या कहती है कहानी?

दक्षिण कोरिया में प्रचलित लोक कथा के मुताबिक, लगभग दो हजार साल पहले अयोध्या की राजकुमारी सुरीरत्ना लंबी यात्रा कर कोरिया पहुंच गई थी जहां उन्होंने गया राजवंश के संस्थापक राजा से शादी कर ली। राजकुमारी सुरीरत्ना अयोध्या छोड़ करीब 45 हजार किलोमीटर की यात्रा कर दक्षिण कोरिया पहुंची थी। शादी के बाद राजकुमारी सुरीरत्ना रानी हियो ह्वांग ओक के नाम से जानी जाने लगी। इस लोक कथा को सच मानने वाले करीब 60 लाख लोग खुद को सुरीरत्ना को अपना पूर्वज मानते हैं और अयोध्या को ननिहाल।

इस कथा का वर्णन कोरिया के प्राचीन और ऐतिहासिक किताब 'सैमगुक युसा' में भी मिलता है। किताब में गिम्हे शहर के गिम्हे समुदाय को रानी सुरीरत्ना का वंशज माना गया है। इस किताब के मुताबिक, 48 ईसा पूर्व में रानी सुरीरत्ना अयुता यानि अयोध्या से कोरिया आई थीं।

अयोध्या में है रानी का मेमोरियल पार्क

अयोध्या में रानी सुरीरत्ना का दो हजार फीट में फैला हुआ एक मेमोरियल पार्क है। इस पार्क में एक मेडिटेशन हॉल, रानी और राजा का मंडप, भित्तिचित्र और फव्वारा के अलावा ऑडियो और वीडियो सुविधाएं भी है। राजा और रानी को समर्पित मंडप कोरियाई शैली में बनाया गया है। सेंट्रल कारक क्लान सोसायटी के लोग खुद को रानी सुरीरत्ना का वंशज मानते हैं। इस समुदाय के लोग हर साल भारत आकर अयोध्या स्थित क्वीन हीओ मेमोरियल पार्क में बने रानी के स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।

पार्क के विस्तार के लिए 2015 में हुआ था समझौता

साल 2015 में रानी सुरीरत्ना को समर्पित क्वीन हीओ मेमोरियल पार्क के विस्तार और सौंदर्यीकरण को लेकर नरेंद्र मोदी और दक्षिण कोरिया के मून-जे (पूर्व राष्ट्रपति) सरकार के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुआ था। इस समझौते में रानी सुरीरत्ना के स्मारक का विस्तार और सौंदर्यीकरण पर सहमति बनी थी। इन कार्यों के पूर्ण होने पर साल 2018 में जब उद्घाटन हुआ तो पूर्व राष्ट्रपति मून-जे की पत्नी जुंग सुक भी समारोह में शामिल हुई थीं। यही नहीं 2018 में भारत ने रानी सुरीरत्ना को समर्पित 25 और 5 रुपये के डाक टिकट भी जारी किए थे।

Created On :   31 Jan 2024 7:11 PM IST

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