आप भी हैं भगवान भोले नाथ के भक्त तो, इस सावन जरूर करें इन भव्य मेलों का भ्रमण
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सावन का महीना सभी महीनों में सबसे महत्वपूर्ण महीना माना जाता है कहा जाता कि जो भी भक्त भगवान भोलेनाथ कि अच्छे मन से पूजा आराधना करते हैं उनकी हर मनोकामना पूरी होती है और इस महीने कि कई विशेषताएं है ऐसी मन्यता है भगवान शिव सावन के महीने में पृथ्वी पर अवतरित होकर अपनी ससुराल गए थे और वहां उनका स्वागत अर्घ्य और जलाभिषेक से किया गया था। माना जाता है कि प्रत्येक वर्ष सावन के महीने में भगवान शिव अपनी ससुराल आते हैं और शिव भक्तों के लिए कृपा पाने का यह अच्छा समय होता है। खास बात यह है कि कई जगह सावन में मेले भी लगते हैं। ये मेले इतने प्रसिद्ध है कि इन्हें देखने के लिए लोग दूर-दूर से यहां आते हैं तो आइए जानते है इस पावन महीने में ऐसे ही कुछ प्रसिद्ध स्थलों के बारे में जहां सावन में मेले लगाए जाते हैं। जिनकी एक झलक देखने के लिए लोग दूर-दूर से यहां आते हैं। आप भी इन जगहों पर जा कर मेले का आनंद ले सकते हैं।
हरिद्वार का मेला
सावन का सबसे बड़ा मेला हरिद्वार में लगता है हरिद्वार को शिव का धाम भी कहा जाता हैं। इस लिए भी सावन के महीने में लोगों काफी संख्या में यहां पहुंचते हैं। हरिद्वार बेहद ही सुंदर जगह हैं यहां जाकर आप मेले के अलावा भी कई जगहों को एक्सप्लोर कर सकते हैं। मानसून में घूमने के लिए ये जगह परफेक्ट है।
झारखंड का सावन मेला
झारखंड़ के वैद्यनाथ धाम में हर साल सावन मेले का आयोजन किया जाता है। इस मेले की गिनती भगवान शिव के सबसे बड़े मेलों में की जाती है। कावड़ यात्रा में शामिल भक्त यहां हर साल भोलेबाबा का जलाभिषेक करने आते हैं।
काशी का मेला
काशी विश्वनाथ को भगवान शिव का दूसरा घर माना जाता हैं। यह प्रसिद्ध 12 ज्योर्तिलिंगों मे से एक है। यहां मंदिर में झूला श्रृंगार देखने के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालु हर साल यहां पहुंचते हैं।
लखीमपुर मेला
लखीमपुर को छोटी काशी के नाम से भी जाना जाता है। सावन शुरु होते ही यहां मेला लग जाता है। जिसे देखने के लिए लाखों श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं।
सोमनाथ मंदिर मेला
उत्तर भारत की तुलना में गुजरात में सावन का महीना पहले ही शुरू हो जाता है। यहां प्राचीन सोमनाथ शिव मंदिर की बहुत मान्यता है। सावन के महीने में सोमनाथ का मंदिर सुबह 4 बजे से लेकर रात 10 बजे तक खुला रहता है और यहां लाखों की संख्या में श्रद्धालु भगवान शिव का आशीर्वाद लेने पहुंचते हैं।
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Created On :   16 July 2023 4:42 PM IST