'ओहामा के ओरेकल' का जन्मदिन: बर्थडे से पहले मिला एक खास तोहफा, जानिए कैसे एक सामान्य लड़का बना दुनिया का छठा सबसे अमीर व्यक्ति

बर्थडे से पहले मिला एक खास तोहफा, जानिए कैसे एक सामान्य लड़का बना दुनिया का छठा सबसे अमीर व्यक्ति
  • 30 अगस्त को वॉरेन बफे का 94वां जन्मदिन
  • बर्कशायर हैथवे 1 ट्रिलियन डॉलर मार्केट कैप का माइलस्टोन किया पार
  • फोर्ब्स की सूची में छठे स्थान पर शुमार है बफे का नाम
  • 2008 क्रइसिस के दौरान 77% की गिरावट का करना पड़ा था सामना

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। विश्व में 'ओमाहा के ओरेकल' नाम से प्रसिद्ध दुनिया के सबसे बड़े और दिग्गज निवेशक वॉरेन बफे (Warren Buffett) ने एक बार फिर से इंवेस्टमेंट की दुनिया में अपने नाम का लोहा मनवा दिया है। बता दें, वॉरेन बफे (Warren Buffett) की कंपनी बर्कशायर हैथवे (Berkshire Hathaway) दुनिया की पहली ऐसी नॉन टेक कंपनी बन गई है जिसने 1 ट्रिलियन डॉलर मार्केट कैप का माइलस्टोन को पार किया है। अपने इस कारनामे से बर्कशायर हैथवे (Berkshire Hathaway) कंपनी ने इतिहास रच दिया है। बीते बुधवार को कंपनी की शेयर में 0.8 फिसदी की बढ़ोतरी हुई जिसकी वजह से बर्कशायर हैथवे कंपनी इस माइलस्टोन को पार कर पाई।

खास बात यह है कि कल यानी 30 अगस्त को वॉरेन बफे अपना 94वां जन्मदिन मनाएंगे। जन्मदिन से पहले इस मील के पत्थर को पार करना उनके लिए तोहफे से कम नहीं होगा। 133 बिलीयन डॉलर की संप्त्ति के साथ फोर्ब्स के दुनिया के सबसे अमीर लोगों की सूची में बफे का नाम छठे स्थान पर शुमार है। लेकिन सवाल यह है कि कैसे एक सामान्य सा लड़का आज दुनिया का छठा सबसे अमीर इंसान बना? कैसे उसने इतनी बड़ी नॉन टेक कंपनी की शुरुआत की? तो चलिए जानते हैं निवेशकों के दुनिया के बेताज बादशाह कहे जाने वाले वॉरेन बफे की कहानी को।

वॉरेन बफे का निजी जीवन

वॉरेन बफे का जन्म 30 अगस्त, 1930 को नेब्रास्का के ओहामा में हावर्ड और लीला बफे के घर में हुआ था। वॉरेने के पिता हावर्ड बफेट एक इंवेस्टर और अमेरिकी कांग्रेस के सदस्य थे। बफे को बचपन से ही पैसे कमाने और इंवेटमेंट की दुनिया में काफी रूची थी। वॉरेन फ़्रांसिस मिनाकर की लिखी हुई किताब '1000 डॉलर कमाने के एक हजार तरीके' (A thousand ways to make $1,000) किताब से काफी प्रभावित थे। वॉरेन बफे ने अपने शुरुआती व्यापारिक दौर में घर-घर जाकर च्युइंग गम, कोका-कोला और साप्ताहिक पत्रिकाएं बेचीं थी। वॉरेन बफे ने महज 11 साल की उम्र में अपना पहला स्टॉक खरीदा था और 14 साल की उम्र में उन्होंने अपने कमाए हुए पैसों से पहला रियल इस्टेस इंवेस्टमेंट किया था। महज 14 साल की आयु में ही उन्होंने अपना पहला आयकर रिटर्न भी भरा था।

वॉरेन बफे का व्यापारिक जीवन

वॉरेन बफे के बिजनेस करियर की शुरुआत 1951 में हुई थी जब वह मजह 21 साल के थे। उन्होंने 1951 से लेकर 1954 तक अपने पिता की कंपनी बफेट-फॉक एंड कंपनी में इंवेस्टमेंट सेल्समैन के रूप में काम किया। इसके बाद 1954 से 1956 तक वह ग्राहम-न्यूमैन कॉर्पोरेशन में सेक्यूरिटी एनालिस्ट के रूप में कार्यरत रहे थे। बता दें, बफे 1956 से 1969 तक कई इंवेस्टमेंट पार्टनरशिप में जेनरल पार्टनर के रूप में काम किया था। आखिर में वॉरेन1970 में आकर बर्कशायर हाथवे कंपनी के सीईओ पद पर कार्यरत हैं। बफेट को 2007 और 2008 के सबप्राइम मॉर्गेज संकट के दौरान आलोचना का सामना भी करना पड़ा, जो 2007 में शुरू हुई महामंदी का हिस्सा था। बफेट की बर्कशायर हैथवे को 2008 के दौरान आय में 77% की गिरावट का सामना भी करना पड़ा और उसके बाद के कई सौदों में बड़े मार्क-टू-मार्केट घाटे का सामना करना पड़ा था।

कई क्षेत्रों में निवेश करती है बफे की कंपनी बर्कशायर हाथवे

वॉरेन बफे की कंपनी बर्कशायर हाथवे कंपनी दुनिया की पहली नॉन-टेक कंपनी बन गई है जिसने 1 ट्रिलियन डॉलर मार्केट कैप का माइलस्टोन पार किया है। बता दें कि बर्कशायर हाथवे एक इंवेस्टमें कंपनी है जोकि कई क्षेत्रों में पैसा लगाती है और उससे रिटर्न कमाती है। इनमें, चीन की पेट्रो चाइना कंपनी लिमिटेड, टोबॉको, कोल, नवीकरणीय ऊर्जा, स्टॉक विकल्पों का व्यय, उच्च प्रौद्योगिकी (हाई टेक्नोलॉजी कंपनी जैसे फेसबुक, गुगल), बिटकॉइन और क्रिप्टोकरेंसी शामिल हैं।

Created On :   29 Aug 2024 7:45 PM IST

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