Paush Purnima 2025: कब है पौष पूर्णिमा? जानिए सही तिथि, महत्व और पूजा की विधि
- यह दिन श्रीहरि भगवान विष्णु को समर्पित है
- पौष पूर्णिमा के दिन नदी में स्नान का महत्व है
- इस बार पूर्णिमा से महाकुंभ का आरंभ हो रहा है
डिजिटल डेस्क, भोपाल। सनातन धर्म में पूर्णिमा तिथि का बड़ा महत्व बताया गया है। यह दिन जगत के पालनकर्ता श्रीहरि भगवान विष्णु को समर्पित है। इस दिन श्रद्धालु व्रत रखते हैं और विधि विधान से नारायण और लक्षमी की पूजा करते हैं। फिलहाल, पौष माह की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा आने वाली है, जिसे पौष पूर्णिमा (Paush Purnima) भी कहा जाता है। यह तिथि 13 जनवरी 2025, दिन सोमवार को है।
इस बार की पूर्णिमा इसलिए भी बेहद खास है, क्योंकि इसी दिन से संगम नगरी प्रयागराज में महाकुंभ का शुभारंभ होने जा रहा है। ऐसी मान्यता है कि इस पूर्णिमा पर पवित्र नदी में स्नान करने से व्यक्ति को पापों से छुटकारा मिलता है। साथ ही सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है। आइए जानते हैं इसका मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में...
पौष पूर्णिमा तिथि कब
तिथि आरंभ: 13 जनवरी 2025, सोमवार की शाम 05 बजकर 03 मिनट से
तिथि समापन: 14 जनवरी 2025, मंगलवार की रात 03 बजकर 56 मिनट पर
पूजा विधि
- इस दिन सूर्योदय से पूर्व उठें और स्नानादि से निवृत्त होकर साफ कपड़े पहनें।
- इस दिन संभव हो तो अपने आसपास किसी पवित्र नदी में स्नान करें।
- घर के मंदिर की सफाई करें और श्रीहरि की प्रमिता या तस्वीर के समक्ष जाकर व्रत का संकल्प लें।
- मंदिर में भगवान श्रीहरि की मूर्ति, तस्वीर या कैलेंडर के आगे दीपक जलाएं।
- श्रीहरि को नैवेद्य और फल अर्पित करें।
- भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी को पुष्प अर्पित करें और भोग लगाएं।
- इसके बाद विधिवत आरती उतारें।
- रात के समय भगवान सत्यनारायण की कथा पढ़ें, सुनें या सुनाएं।
- कथा के बाद भगवान की आरती उतारें और चंद्रमा की पूजा करें।
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Created On :   11 Jan 2025 9:26 PM IST