गुरुवार को करें गुरु बृहस्पति देव की पूजा मिलेगी सभी बाधाओं से मुक्ति
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू धर्म के अनुसार गुरूवार का दिन भगवान विष्णु के साथ– साथ नव ग्रहों में गुरू ग्रह को समर्पित है। इस दिन भगवान विष्णु जी की विशेष पूजा करने से विशेष कृपा मिलती है। शास्त्रों के अनुसार इस दिन केले के वृक्ष में विष्णु भगवान का वास होता है। माना जाता है कि जो भी व्यक्ति इस दिन व्रत रखकर नियमों का पालन करते हुए विधि विधान से पूजा करता है उसे समस्त प्रकार की समस्याओं से मुक्ति मिलती है।
ज्योतिषाचार्य के अनुसार, जिन लोगों के विवाह में परेशानियां आती हैं या जिनके कार्य बिगड़ रहें हो, उन्हें गुरूवार व्रत रखना चाहिए इससे उनकी सभी परेशानियां दूर होती है। साथ ही घर में सुख समृद्धी आती है और घर से निर्धनता दूर होता है। आइए जानते हैं पूजा की विधि के बारे में...
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पूजा विधि
- गुरूवार के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नानादि से निवृत्त हों और सूर्यदेव को जल चढ़ाएं
- इसके बाद व्रत का संकल्प लें।
- अब पूजा घर को गंगा जल से शुद्ध करें।
- लकड़ी के पाटे में पीला कपड़ा बिछा लें जिसमें विष्णु भगवान के साथ लक्ष्मी जी की प्रतिमा रख लें।
- यदि केले का पौधा उपलब्ध हो तो उसे भी पूजा स्थान में रख लें।
- गुरूवार के दिन पीले रंग का प्रयोग विशेष रूप से करना चाहिए जैसे पीला वस्त्र पहनें, पीला फूल, पीला चंदन, पीला चावल, हल्दी, पीला भोग, पीला भोजन आदि।
- सबसे पहले भगवान की प्रतिमा को पंचामृत से स्नान करा लीजिए।
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- पंचामृत स्नान के बाद शुद्ध जल से स्नान करा लें।
- अब केले के वृक्ष को शुद्ध के साथ पिसी हल्दी मिला कर जल अर्पित करें।
- एक पात्र में शुद्ध जल लें जिसमें गुड़ तथा चना दाल मिला कर भगवान को अर्पित करें।
- अब भगवान को तथा केले के वृक्ष को हल्दी, कुमकुम, पीला चंदन, लगाएं साथ ही फूल, और तुलसी भी पत्र चढ़ाएं।
- भगवान की धूप दीप से आरती करें तथा भगवान को पीला भोग अर्पण करें।
- प्रसाद चढ़ाने के बाद अब गुरू भगवान का कथा सुन ले या पढ़ लें।
- कथा सुनने के बाद विष्णु भगवान का जयकारा बोलते हुए प्रसाद लेना चाहिए।
Created On :   18 Aug 2021 6:09 PM IST